Advertisement

झारखंड में कांग्रेस ने भी उतारा राज्यसभा उम्मीदवार, क्रॉस वोटिंग के सहारे जीत की कोशिश

झारखंड के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस ने शहजादा अनवर को प्रत्याशी बनाकर बीजेपी के लिए टेंशन बढ़ा दी है. प्रदेश की दो राज्यसभा सीटें में से एक सीट पर जेएमएम की पक्की है और दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला होना है. ऐसे में देखना है कि कौन बाजी मारता है?

राहुल गांधी और हेमंत सोरेन राहुल गांधी और हेमंत सोरेन
कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 13 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 1:41 PM IST

  • झारखंड की 2 राज्यसभा सीटों पर तीन कैंडिडेट मैदान में
  • एक सीट पर JMM की जीत पक्की तो दूसरी पर घमासान

झारखंड की 2 राज्यसभा सीटों पर 3 उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से चुनावी मुकाबला काफी दिलचस्प हो गया है. मौजूदा विधायको के आंकड़े के लिहाज से झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की एक सीट पक्की है और दूसरी सीट के लिए कांग्रेस और बीजेपी के पास अपने दम पर जीतने के लिए पर्याप्त आंकड़े नहीं हैं. ऐसे में दोनों पार्टियों के बीच विधायकों के जोड़-तोड़ की कवायद तेज हो गई है. बीजेपी अपने पुराने सहयोगी आजसू के सहारे यह सीट कब्जाना चाहती है तो कांग्रेस क्रॉस वोटिंग के दम पर जीत की आस लगाए हुए है.

Advertisement

जेएमएम से शिबू सोरेन राज्यसभा के लिए मैदान में उतरे हैं तो बीजेपी ने अपने झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश पर दांव लगाया है. वहीं, कांग्रेस ने शहजादा अनवर को राज्यसभा प्रत्याशी बनाकर मुकाबले को रोचक बना दिया है. कांग्रेस के मुकाबले बीजेपी संख्या बल के आधार पर भारी पड़ती दिखाई दे रही है. हालांकि, झारखंड में राज्यसभा चुनाव ने कई बार अप्रत्याशित परिणाम दिए हैं. इसे देखते हुए कांग्रेस और बीजेपी में कौन किस पर भारी पड़ेगा यह अभी कहा नहीं जा सकता है.

ये भी पढ़ें: गुजरात के राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस-BJP के बीच फंसा पेच, फिर अहमद पटेल जैसी फाइट

झारखंड विधानसभा में कुल 81 सदस्यों में से फिलहाल 80 सदस्य हैं. राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिए किसी भी उम्मीदवार को प्रथम वरीयता के 27 वोट चाहिए. इस लिहाज से लिहाज से महागठबंधन को दोनों राज्यसभा सीटें जीतने के लिए 54 विधायकों का समर्थन चाहिए.

Advertisement

मौजूदा विधायकों के आंकड़ों के लिहाज से जेएमएम के पास 30 तो कांग्रेस के पास 16 और जेवीएम छोड़कर आए प्रदीप यादव व बंधु तिर्की को मिलाकर 18 होती है. इसके अलावा एक आरजेडी के विधायक को मिलाकर महागठबंधन के विधायकों की संख्या 49 पहुंचती है. ऐसे में एनसीपी के विधायक कमलेश सिंह का भी साथ मिला तो भी आंकड़ा 50 तक ही सीमित रहेगा. वहीं, बाबूलाल मरांडी के शामिल के बाद बीजेपी विधायकों की संख्या 26 हो गई है.

ये भी पढ़ें: कांग्रेस ने दिग्विजय और दीपेंद्र सिंह हुड्डा समेत 12 नामों का किया ऐलान

झारखंड के मौजूदा विधायकों के आंकड़ों को लिहाज से राज्यसभा की दूसरी सीट बीजेपी को एक और कांग्रेस को चार विधायकों के समर्थन की दरकार होगी. आजसू के दो विधायकों और निर्दलीय सरयू राय, अमित यादव के अलावा माले विधायक विनोद सिंह की भूमिका राज्यसभा चुनाव में काफी अहम मानी जा रही है. आजसू ने मौके की नजाकत को भांपते हुए अपने पत्ते नहीं खोले हैं, लेकिन फिर भी बीजेपी समर्थन की उम्मीद लगाए बैठी है.

कांग्रेस के माले और निर्दलीय विधायकों को अपने पाले में रखने में कामयाब रहती है तो बीजेपी को जीतने के लिए संघर्ष करना पड़ सकता है. राज्यसभा के लिए सबसे अहम भूमिका अब आजसू और निर्दलीय विधायकों पर है. देखना होगा कि इस शह-मात के खेल में कौन बाजी मारता है. हालांकि आजसू ने शुक्रवार को अपनी संसदीय दल की बैठक में राज्यसभा चुनाव के संबंध में निर्णय लेने का फैसला करेगी.

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement