
झारखंड के साहिबगंज जिले के कुछ गांव के ग्रामीणों ने क्रेशर से उड़ने वाले धूल कणों से होने वाले प्रदूषण के विरोध में सड़क जाम कर दिया. इसके बाद क्रेशर मालिकों के पानी छिड़काव के आश्वासन के बाद ही ग्रामीणों ने अपना विरोध प्रदर्शन बंद किया. ये मामला साहिबगंज जिले के तालझारी थाना क्षेत्र में आने वाले अंबा डीहा गांव और उसके आसपास के इलाके का है. जहां के ग्रामीणों ने क्रेशर से होने वाले प्रदूषण का विरोध किया है. जिसके तहत उन्होंने सड़क जाम कर दी.
दरअसल झारखंड के साहिबगंज में पत्थर उद्योग काफी अधिक समृद्ध होने के कारण काफी संख्या में क्रेशर का संचालन किया जाता है. पत्थर के पीसने की प्रक्रिया में काफी मात्रा में धूल कण बनते हैं, जिससे आसपास के इलाके का वातावरण पूरी तरह और दूषित हो जाता है. इसके कारण आसपास के लोग तरह-तरह की गंभीर बीमारियों से ग्रसित हो रहे हैं. नियमानुसार उद्योगपतियों को समय-समय पर पानी का छिड़काव करना चाहिए.जो कि नहीं किया जाता है. इसके कारण वातावरण इतना अधिक प्रदूषित हो जाता है कि सांस लेने में भी दिक्कत होती है.
इस संबंध में स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि गदवा मौजा में काफी संख्या में क्रेशर संचालित हैं. जिसको लेकर सड़कों पर हमेशा धूल उड़ती रहती है. नियम के मुताबिक पानी का छिड़काव सड़कों पर नहीं होने के कारण आसपास के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि धूल कणों के कारण होने वाले प्रदूषण की वजह से घर से निकलना भी मुश्किल हो जाता है, इसके विरोध में गुरुवार को सड़क जाम किया गया था. क्रेशर संचालकों के बीच समझौता होने के बाद ही सड़क जाम समाप्त किया गया. समझौते के अनुसार क्रेशर ऑनर की तरफ से दिन में कम से कम 6 बार पानी का छिड़काव किया जाएगा. (इनपुट- साहेबगंज से प्रवीण के साथ)