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जेपी नड्डा विकसित भारत संकल्प यात्रा में हुए शामिल, PM मोदी को लेकर कही ये बात

भाजपा अध्यक्ष ने कहा, गांव में बहने सुबह उठती थी, पेड़ पर चढ़ती थी लड़कियां काटती थी, बोझा उठाती थी. उसको सूखने डालती थी और तब चूल्हे पर जलाती थी. 200 सिगरेट का धुआं वह दिन भर में लेती थी. तब जाकर चाय बनती थी, खाना बनता था.

जेपी नड्डा-फाइल फोटो जेपी नड्डा-फाइल फोटो
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 31 दिसंबर 2023,
  • अपडेटेड 4:10 PM IST

भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा विकसित भारत संकल्प यात्रा में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन 15 नवंबर पर झारखंड के खूंटी नामक स्थान से विकसित भारत संकल्प यात्रा का प्रारंभ किया था. यह यात्रा लगभग ढाई लाख पंचायत से और लगभग 3600 नगर निगम, नगर पालिका, नगर पंचायत से होते हुए 25 जनवरी को समाप्त होगी. इन सभी ढाई लाख पंचायत और 3600 नगर निगमो में यह यात्रा होकर आएगी.

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नड्डा ने कहा कि इसका उद्देश्य है कि कोई भी लाभार्थी छूट न जाए, जिसको हमने लाभ पहुंचाया है वह लाभ उस तक पहुंचे और लाभ पहुंचने में कोई कठिनाई नहीं आए. इसलिए सरकार उसके द्वार, सरकार उसकी पंचायत, सरकार उसके निगम में, सरकार उसके वार्ड में, पहुंचकर उसको याद कराए कि यह सुविधा तुमको मिलनी है और तुम इससे वंचित न रह जाओ इसके लिए विकसित भारत संकल्प यात्रा निकाली गई है.

'विकसित भारत की ओर हमें चलना है'
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री का नजरिया बड़ा स्पष्ट है कि अगर विकसित भारत की ओर हमें चलना है तो हमारा गांव आबाद होने चाहिए, विकसित होने चाहिए. हमारे प्रदेश में कोई गरीब नहीं रहना चाहिए, हमारे देश प्रदेश में युवा अग्रसर हो आगे बढ़े इसकी हमें चिंता करनी चाहिए. हमारे देश में महिलाओं का सशक्तिकरण हो इसकी चिंता करनी चाहिए. हमारे देश में किसान तीव्र गति से आगे बढ़े इसकी हमको चिंता करनी चाहिए और इसीलिए यह सारी योजनाएं गांव गरीब वंचित पीड़ित शोषित और हमारा आदिवासी भाई, हमारा अनुसूचित भाई, हमारे युवा हमारे किसान, कोई भी व्यक्ति छूट न जाए.

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जब सरकार गांव-गांव पंचायत पंचायत जा रही है तो हम यह सुनिश्चित करें कि कोई भी व्यक्ति वंचित न रह जाए. तकलीफ को याद रखोगे तभी तुमको समझ में आता है कि मोदी और योगी का मतलब क्या है. उन्होंने कहा कि मैं अपने इलाके से 1993 में सबसे ज्यादा मतों से जीत करने वाला विधायक रहा. इलाके का प्रखंड अधिकारी आकर कहता था, नड्डा साहब आपको इस बार एक पंचायत में दो इंदिरा आवास योजना मिली है, बताओ किसको दें. मैं कह देता था आप ही रख लो.

यह अंधेरा मैंने देखा है और आज जब मैं यहां मंच पर खड़ा हूं तो गौरव के साथ कह सकता हूं कि प्रधानमंत्री मोदी ने 4 करोड़ प्रधानमंत्री आवास योजना दी है. एक-एक पंचायत में 20-20 ,50-50 आवास योजना के मकान बन रहे हैं. यही अंधेरे और उजाले का अंतर है.

'प्रधानमंत्री मोदी ने जल जीवन मिशन से घर-घर जल घर-घर नल से पानी पहुंचाया है'
नड्डा ने कहा कि आज प्रधानमंत्री मोदी ने जल जीवन मिशन से घर-घर जल घर-घर नल से पानी पहुंचाया है, यही अंधेरे और उजाले का अंतर है. हमारे पास गरीब आते थे, बताते थे अपना दुख. हम भी चिट्ठी लिखा करते थे, मुख्यमंत्री, प्रधानमंत्री जी इसकी तकलीफ है इसको कुछ मिल जाए तो इसका जीवन बन जाए. हम दो लाख मांगते थे तो डेढ़ लाख मिलता था. कभी 75000 मिलता था. जिसको डेढ़ लाख खर्च होना है उसको 75000 मिलेगा वह क्या करेगा. प्रधानमंत्री मोदी जी के नेतृत्व में मुझे स्वास्थ्य मंत्री के माध्यम से यह काम करने का मौका मिला. मुझे खुशी है कि 9 महीने में आयुष्मान भारत दिया गया, जिसमें 55 करोड़ लोगों को 10 करोड़ 55 लाख परिवारों को 5 लाख करोड़ सालाना उनके गंभीर बीमारी के इलाज के लिए दिया गया.

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'9.5 करोड़ बहनों को उज्ज्वला योजना से गैस मिली'
भाजपा अध्यक्ष ने कहा, गांव में बहने सुबह उठती थी, पेड़ पर चढ़ती थी लड़कियां काटती थी, बोझा उठाती थी. उसको सूखने डालती थी और तब चूल्हे पर जलाती थी. 200 सिगरेट का धुआं वह दिन भर में लेती थी. तब जाकर चाय बनती थी, खाना बनता था. आज 9.5 करोड़ बहनों को उज्ज्वला योजना से गैस मिली. अब 5 मिनट में चाय बनाएं, आधा घंटे में भोजन बनाएं और परिवार को सुखी रखिए. यह अंतर जिसको हम बताना चाहते हैं.

नड्डा ने कहा, पहले राशन की चोरी होती थी. लोग राशन की दुकान पर पूछते थे चावल आया क्या, लेकिन आज मोदी जी ने 80 करोड़ की जनता को 5 किलो गेहूं 5 किलो चावल, 1 किलो दाल उनके घर में हर महीने पहुंचने का काम किया है. पहले पहाड़ों में कोई सड़क नहीं थी, लेकिन आज प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना में 1 लाख किलोमीटर से ज्यादा प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना बनी है.

जेपी नड्डा ने कहा, पहले एक शादी में जाना हो पता था, आज एक रात में चार-चार शादियां अटेंड हो रही हैं. यह प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का ही अंतर है. हमारी जिम्मेदारी बड़ी है, जिनकी तकलीफ हमने समझी नहीं होगी हमें उनकी सेवा करके मुख्य धारा में लाना है तभी हमारी विकसित भारत संकल्प यात्रा पूरी होगी.

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