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झारखंड: कुर्मी समाज के पत्र ने आजसू के लिए बढ़ाई मुश्किलें, JLKM का उभरता वर्चस्व

झारखंड में धनबाद से लेकर रांची, रामगढ़, बोकारो और गिरिडीह बेल्ट में कुर्मी समुदाय की मजबूत मौजूदगी है. ऐसे में इस राजनीतिक योजना पर राजनीति करने वाली पार्टियां भी राजनीतिक मोर्चे पर काफी ऊंचाई पर पहुंच गई हैं. हालांकि, एक चिट्ठी वायरल हो रही है. इसको लेकर कहा जा रहा है कि इस चिट्ठी से आजसू को काफी नुकसान होगा.

सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 25 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:37 PM IST

झारखंड में कुर्मी समाज के बीच वायरल एक पत्र ने आजसू (ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन) पार्टी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. इस पत्र से आजसू को काफी नुकसान होने की बात कही जा रही है. विधानसभा चुनाव परिणामों ने न केवल आजसू को झटका दिया बल्कि झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) के उदय की पटकथा भी लिख दी है.

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दरअसल, धनबाद से लेकर रांची, रामगढ़ , बोकारो और गिरिडीह बेल्ट में कुर्मी समाज की दमदार संख्या है. इस समाज की जनसंख्या राज्य में 35लाख से ज्यादा है. ये इन क्षेत्रों में राजनीतिक प्रभाव रखता है. आजसू को लंबे समय से इस समाज के समर्थन से लाभ मिलता रहा है. लेकिन वायरल पत्र ने कुर्मी समाज के भीतर असंतोष को उजागर किया है.

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वायरल पत्र के आरोप

पत्र में आरोप लगाया गया है कि आजसू ने कुर्मी समाज के समर्थन से राजनीति में बुलंदियों को छुआ, लेकिन जब कुर्मी समाज के नेता उभरने की कोशिश करते हैं तो उनकी अनदेखी की जाती है. पत्र ने आजसू के नेताओं पर समाज के नेताओं की 'भ्रूण हत्या' करने का आरोप लगाया है.

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चुनावी परिणाम और JLKM का प्रभाव

चुनाव नतीजों से साफ है कि इस बार कुर्मी समुदाय का वोट पूरी तरह बिखर गया और इस समुदाय के लोगों ने झारखंड लोकतांत्रिक क्रांति मोर्चा पर अपना प्यार लुटाया जो इस समुदाय के आधार पर राजनीति करता है. बेशक पार्टी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली, लेकिन जेएलकेएम ने 10 लाख से ज्यादा वोट बटोरे. इसके साथ ही कई बड़े नाम धूल चटा गए, जबकि जेएलकेएम के अध्यक्ष जयराम महतो ने भी डुमरी सीट पर जीत दर्ज की.

आजसू के लिए क्या होगी आगे की राह

जेएलकेएम के उदय के साथ ही इस बात पर भी चर्चा तेज हो गई है कि आजसू का भविष्य क्या होगा. हालांकि, नतीजों को देखने के बाद इतना तो तय है कि वायरल चिट्ठी के दावे का असर चुनाव नतीजों पर साफ दिख रहा है. कुर्मी समुदाय ने आजसू का खेल बिगाड़ दिया है. पार्टी प्रमुख सुदेश महतो भी चुनाव हार गए हैं क्योंकि जेकेएलएम के टिकट पर खड़े दूसरे उम्मीदवार देवेंद्र महतो को करीब 41 हजार वोट मिले और जेएमएम के लिए जीत की राह आसान हो गई.

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