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पलामू सीट: जंगलों-पहाड़ों से घिरा इलाका, जहां से बीजेपी के विष्णु दयाल राम हैं सांसद

पलामू लोकसभा सीट का गठन दो जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर हुआ है. यहीं पर पौराणिक भीम चूल्हा स्थित है. यहां से बीजेपी के विष्णु दयाल राम सांसद हैं.

पलामू लोकसभा सीट पलामू लोकसभा सीट
विशाल कसौधन
  • नई दिल्ली,
  • 27 मार्च 2019,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

पलामू लोकसभा सीट का गठन दो जिलों के कुछ हिस्सों को मिलाकर हुआ है. इस जिले का मुख्यालय मेदनीनगर है. इसे डाल्टनगंज के नाम से भी जाना जाता है. सत्रहवीं सदी में चेरो राजा का यहां पर शासन था. यहां पर चेरो राजा अनंत राय ने लंबे समय तक राज किया.

पलामू के किलों में से पुराने किले का निर्माण इसी राजा ने करवाया था. जंगलों-पहाड़ों से घिरा पलामू क्षेत्र प्राकृतिक सौंदर्य और ऐतिहासिक-पौराणिक स्थलों से परिपूर्ण है. यहीं पर पौराणिक भीम चूल्हा स्थित है. यहां से बीजेपी के विष्णु दयाल राम सांसद हैं.

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राजनीतिक पृष्ठभूमि

इस सीट से 1951 और 1957 का चुनाव कांग्रेस के गजेंद्र प्रसाद सिन्हा ने जीता. 1962 में स्वतंत्र पार्टी के शशांक मंजरी जीतीं. 1967 और 1971 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर कमला कुमार जीतीं. 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर रामदेनी राम जीतीं. इसके बाद फिर 1980 और 1984 का चुनाव कांग्रेस के टिकट पर कमला कुमारी जीतीं.

1989 में जनता दल के टिकट पर जोरावर राम जीते. 1991 में बीजेपी के टिकट पर राम देव राम जीते. 1996, 1998 और 1999 का चुनाव बीजेपी के टिकट पर ब्रज मोहन राम जीतने में कामयाब हुआ. 2004 में इस सीट राष्ट्रीय जनता दल के टिकट पर मनोज कुमार और 2006 के उपचुनाव में उसके ही टिकट पर गुरान राम जीते. 2009 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के कामेश्वर बैठा जीते. 2014 में बीजेपी के विष्णू दयाल राम जीतकर संसद पहुंचे.

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सामाजिक तानाबाना

इस लोकसभा सीट के अन्तर्गत सात विधानसभा सीटें (डल्टनगंज, गरहवा, भगवंतपुर, बिस्वरामपुर, छतरपुर, हुसैनाबाद) आते हैं. इनमें छतरपुर अनुसूचित जाती के लिए आरक्षित है. 2014 में हुए आम चुनाव के दौरान इस सीट पर मतदाताओं की संख्या करीब 16.45 लाख थी, जिसमें 8.90 लाख पुरुष मतदाता और 7.55 लाख महिला मतदाता शामिल थे.

2014 का जनादेश

2014 के चुनाव में बीजेपी के विष्णू दयाल राम ने करीब 2.50 लाख से अधिक मतों से आरजेडी के मनोज कुमार को हराया था. विष्णू दयाल राम को 4.76 लाख और मनोज कुमार को 2.12 लाख वोट मिले थे.

सांसद का रिपोर्ट कार्ड

चुनाव में दिए गए हलफनामे के मुताबिक, सांसद विष्णू दयाल राम के पास 2.47 करोड़ की संपत्ति है. इसमें 2.02 करोड़ की चल संपत्ति और 45 लाख की अचल संपत्ति शामिल है. विष्णू दयाल राम पुलिस अधिकारी थे और राजनीति में आने से पहले होम गार्ड विभाग के डीजीपी पद से रिटायर हुए थे.

जनवरी, 2019 तक mplads.gov.in पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, विष्णू दयाल राम ने अभी तक अपने सांसद निधि से क्षेत्र के विकास के लिए 21.20 करोड़ रुपए खर्च किए हैं. उन्हें सांसद निधि से अभी तक 26.17 करोड़ मिले हैं. इनमें से 4.97 करोड़ रुपए अभी खर्च नहीं किए गए हैं. उन्होंने 85 फीसदी अपने निधि को खर्च किया है.

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