Advertisement

लिव इन में रहने वाले 501 कपल का हुआ सामूहिक विवाह, केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा रहे मौजूद

खूंटी में केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पहल से 501 लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़ों का सामूहिक विवाह करवाया गया. इस दौरान वह खुद मौजूद रहे. जनजातीय बहुल इलाका होने के कारण यहां गरीबी भी ज्यादा है. लिहाजा, इन आदिवासियों के पास इतने पैसे नहीं होते कि वो विवाह समारोह के आयोजन का खर्च उठा सकें.

 लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़ों का सामूहिक विवाह लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे जोड़ों का सामूहिक विवाह
सत्यजीत कुमार
  • खूंटी,
  • 16 मई 2023,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST

झारखंड के खूंटी में जनजातीय बहुल आबादी सबसे ज्यादा है. यहां केंद्रीय जनजातीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पहल से रविवार को 501 जोड़ियों का सामूहिक विवाह करवाया गया. इस दौरान उनकी पत्नी मीरा मुंडा भी उनके साथ उपस्थिति थीं. ये सभी जोड़े लिव इन रिलेशनशिप में रह रहे थे.

इनमें 20 साल से लेकर 70 साल तक की उम्र की जोड़ियां शामिल हैं. मामला कर्रा प्रखंड के चोलवा पतरा स्टेशन रोड जंहार का है. यहां रविवार को वृष्टि ग्रीन फार्मर्स तोरपा रोड खूंटी के द्वारा सामूहिक विवाह कार्यक्रम किया गया. इस दौरान सरना धर्म के 203 जोड़े, ईसाई धर्म के 100 जोड़े और हिंदू धर्म के 198 जोड़े शादी के बंधन में बंधे.

Advertisement
इस तरह से हुआ 501 जोड़ों का सामूहिक विवाह.

दूल्हा-दुल्हन को दिया आशीर्वाद

वृष्टि ग्रीन फार्मर्स संस्था ने दूल्हे-दुल्हनों का उनके धर्म के अनुसार सामूहिक विवाह संपन्न कराया. इसके बाद माननीय केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, उनकी पत्नी मीरा मुंडा, तोरपा विधायक कोचे मुंडा और उनकी पत्नी के अलावा अन्य गणमान्य लोगों ने आशीर्वाद देकर सामूहिक विवाह कार्यक्रम को संपन्न कराया.

मंत्री अर्जुन मुंडा की उपस्थिति में हुआ सामूहिक विवाह.

विवाह समारोह का नहीं उठा सकते थे खर्च

दरअसल, जनजातीय बहुल इलाका होने के कारण यहां गरीबी भी ज्यादा है. लिहाजा, आदिवासियों के पास इतने पैसे नहीं होते कि वो विवाह समारोह का खर्च उठा सकें. ऐसे में इन लोगों में लिव इन रिलेशनशिप में रहने की परंपरा और चलन आम हो गया है.

सभी जोड़ों के दिया जाएगा मैरिज सर्टिफिकेट- अर्जुन मुंडा

नव-विवाहित जोड़ों को संबोधित करते हुए अर्जुन मुंडा ने कहा की पति-पत्नी के रूप में सामूहिक विवाह में नव-विवाहित जोड़ों को सामाजिक रूप से रहने का अधिकार प्राप्त होगा. सभी जोड़ों का रजिस्ट्रार ऑफिस में रजिस्ट्रेशन कराकर उन्हें सर्टिफिकेट दिया जाएगा, ताकि उनके वैवाहिक जीवन को मजबूती मिल सके.

Advertisement

यहां की प्राकृतिक पेड़-पौधे सामूहिक विवाह के साक्षी बने हैं. जानकारी के मुताबिक, पहले भी जिले में इस तरह से सामूहिक विवाह का आयोजन कर हजारों जोड़ों को विवाह बंधन में बांधने का बीड़ा सामाजिक संस्थाएं उठाती रही हैं. 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement