
झारखंड सरकार में मंत्री आलमगीर आलम के निजी सचिव संजीव लाल के नौकर के यहां ईडी की छापेमारी में 30 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश मिलने के बाद अब आलमगीर आलम ने इस पर सफाई दी है.
राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम ने इस मामले में पर्सनल सेक्रेटरी से पीछा छुड़ाते हुए कहा, 'संजीव लाल एक सरकारी कर्मचारी हैं, वह मेरे निजी सचिव हैं, संजीव लाल पहले से ही दो पूर्व मंत्रियों के निजी सचिव रह चुके हैं, और भी कई सरकारी कर्मचारी हैं और हम आमतौर पर अनुभव के आधार पर निजी सचिव की नियुक्ति करते हैं. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच पूरी होने से पहले छापेमारी पर टिप्पणी करना सही नहीं है.'
प्रवर्तन निदेशालय ने संजीव लाल के नौकर के घर पर छापा मारा था जहां तीस करोड़ रुपये से भी ज्यादा कैश पाया गया. इन पैसों को गिनने के लिए ईडी को मशीनें मंगवानी पड़ी. इसके अलावा उसी घर में दूसरी जगह से भी तीन करोड़ रुपये बरामद किए गए हैं.
बता दें कि मनी लॉन्ड्रिंग के एक मामले की जांच के दौरान ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का नाम सामने आया था. इसका खुलासा 10 हजार रुपये की रिश्वत के एक मामले की जांच के दौरान हुआ था. दरअसल ईडी ने बीते साल चीफ इंजीनियर के यहां 10 हजार रुपये की रिश्वत के मामले में छापेमारी की थी.
इस छापेमारी के बाद पूछताछ में चीफ इंजीनियर ने बताया था कि रिश्वत का ये पैसा एक मिनिस्टर के पास पहुंचाया जाता है. उसके इस मामले में राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम का नाम पहली बार सामने आया था. जांच आगे बढ़ी तो इसमें आलमगीर के निजी सचिव संजीव लाल की भूमिका भी सामने आई. जब एजेंसी ने संजीव लाल की जांच शुरू की तो उनके घर में काम करने वाले नौकर के यहां भारी मात्रा में ये कैश बरामद हुआ है.