
बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान के लिए झारखंड सरकार भी सक्रिय है. राज्य सरकार ने केंद्रीय गृह मंत्रालय से असम की तर्ज पर नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटीजनशिप तैयार करने का आग्रह किया है. इसके लिए महानिबंधक जनगणना को संथाल परगना इलाके में जनगणना कराने का आग्रह किया गया है.
गृह मंत्रालय की स्वीकृति मिलने से झारखंड में भी एनआरसी तैयार करने की प्रक्रिया शुरू हो सकती है. बता दें कि बीते 21 जुलाई को साहिबगंज की राधा नगर में एक शख्स को बांग्लादेशी होने का आरोप में गिरफ्तार किया गया. खुलासा तब हुआ जब मतदाता सूची में जिस परिवार के साथ इस शख्स का नाम शामिल किया गया था. उस परिवार का मुखिया माजिद शेख ने उससे संबंध होने से इंकार कर दिया.
संथाल के चार जिले प्रभावित
संथाल परगना के चार जिले पाकुड़, जामताड़ा, साहेबगंज और गोड्डा में घुसपैठ के सबसे अधिक प्रमाण हैं. साहिबगंज, राजमहल और बरहरवा इलाके में इनकी संख्या सबसे अधिक है. बताया जाता है कि ये बांग्लादेशी अधिकतर राजमिस्त्री का काम करते हैं और बंगाल और झारखंड में अपनी पैठ बना चुके है. यह लोग वाकायदा यहां जमीन भी खरीद रहे हैं.
गौरतलब है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेश पर 1994 में सत्रह हजार से अधिक बांग्लादेशी सिर्फ साहिबगंज जिले में चिन्हित हुए थे. साहिबगंज के तत्कालीन DC ने मतदाता सूची का पुनरीक्षण किया था. उसमें से सत्रह हजार से अधिक बांग्लादेशियों के नाम मतदाता सूची से हटाए भी गए. लेकिन चिन्हित इन बांग्लादेशियों को वापिस नहीं भेजा गया था.