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बड़े नोट बंद होने के बाद नक्सली संगठनों में मची खलबली

रांची पुलिस के हत्थे चढ़े लोगों में एक नक्सलग्रस्त इलाके के एक पेट्रोल पंप का मालिक है. पुलिस ने इसके पास से बैग में रखे 25 लाख कैश बरामद किए है. आरोप है कि यह पैसे प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के हैं, जिसे अवैध तरीके से लेवी के तौर पर वसूल गया था.

जांच में जुटी पुलिस जांच में जुटी पुलिस
अंजलि कर्मकार/धरमबीर सिन्हा
  • रांची,
  • 12 नवंबर 2016,
  • अपडेटेड 3:26 AM IST

500 और 1000 रुपये के नोट बंद होने के बाद नक्सली और उग्रवादी संगठनों में खलबली मची हुई है. वे इस जुगाड़ में हैं कि ब्लैक मनी को व्हाइट कैसे किया जाए. उग्रवादी संगठन अपने रुपये और नोट बदलवाने के लिए पेट्रोल पंप संचालकों और बड़े व्यापारियों को माध्यम बना रहे हैं. इसी कड़ी में रांची के बुंडू इलाके के एक पेट्रोल पंप के मालिक को पुलिस ने 25 लाख नोटों के साथ गिरफ्तार किया है. पुलिस का दावा है कि यह पैसा प्रतिबंधित नक्सली पीएलएफआई का है.

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रांची पुलिस के हत्थे चढ़े लोगों में एक नक्सलग्रस्त इलाके के एक पेट्रोल पंप का मालिक है. पुलिस ने इसके पास से बैग में रखे 25 लाख कैश बरामद किए है. आरोप है कि यह पैसे प्रतिबंधित नक्सली संगठन पीएलएफआई सुप्रीमो दिनेश गोप के हैं, जिसे अवैध तरीके से लेवी के तौर पर वसूल गया था.

आरोपी पेट्रोल पंप संचालक नंद किशोर यादव इन पैसों को बैंक में जमा कराने जा रहा था. गोप के लोगों ने 500 और 1000 रुपये के ये नोट बैग में भरकर उसे बैंक में जमा कराने के लिए दिया था, ताकि ब्लैक मनी को व्हाइट किया जा सके. लेकिन, पुलिस को इसकी भनक मिल गई. वैसे पुलिस को आशंका है कि पेट्रोल पंप का मालिक नंद किशोर पीएलएफआई के लिए काम करता है. एसएसपी ने जिले की सभी थानों को हाई अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है. इन्हें पकड़ने के लिए एसआईटी का भी गठन किया गया है.

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हजारीबाग के एसडीओ के मुताबिक, आयकर विभाग को जानकारी दे दी गई है. अब ये जानकारी ली जाएगी की व्यवसायी का काम क्या है? कितना रिटर्न भरता है? उसके दस साल की जानकारी ली जाएगी, ये जानकारियां सही होगी, तो नोट वापस होगा, वरना जब्त हो जायेगा.

एक अनुमान के मुताबिक, झारखंड में एक्टिव नक्सली संगठन हर साल करीब 300 करोड़ रुपये व्यापारियों और कारोबारियों से लेवी के तौर पर वसूलते हैं. इनमें से ज्यादातर पैसे 500 और 1000 रुपये के होते हैं. नक्सली ठिकानों में छापेमारी के दौरान भी यह बात सामने आई है. इन छापों में बरामद रकम बड़े नोटों की थी. ऐसे में सुरक्षा बल इन संगटनों द्वारा नोट बदलने की किसी भी कोशिश को नाकाम करने के लिए पूरी तरह तैयार है.

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