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झारखंड में कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा ली गई सचिवालय सहायक मुख्य परीक्षा रद्द करने के सरकार के फैसले पर पीएमओ ने पत्र लिखकर जबाब तलब किया है. ये परीक्षा बीते 14 नबंवर को तकनीकी कारणों का हवाला देते हुए रद्द कर दी गई थी. जिसके बाद प्रारंभिक परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों ने सरकार से अपने फैसले पर पुनर्विचार के लिए कई बार गुहार लगाई. आखिर सरकार के रवैये से आजिज आकर हजारों अभ्यर्थियों ने इसकी शिकायत पीएमओ से की जिसपर कार्रवाई करते हुए पीएमओ ने एक हफ्ते के भीतर सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट मांगी है कि किन परिस्थितियों में परीक्षा रद्द की गई.
सचिवालय में हड़कंप CMO भी हरकत में आया
झारखंड सचिवालय सहायक के लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों ने प्रधानमंत्री कार्यालय में परीक्षा रद्द करने के संबंध में ऑनलाइन शिकायत की थी. इसकी मुख्य परीक्षा अचानक रद्द किए जाने के संबंध में शिकायत की गई थी, जिसके बाद पीएमओ ने मुख्य सचिव राजबाला वर्मा को पत्र लिखकर इसका कारण पूछा है. पीएमओ ने इस मामले में सात दिनों का समय राज्य सरकार को दिया है.
ये पत्र झारखंड सरकार को कल शाम में मिला है. केंद्र के द्वारा इस मामले को संज्ञान में लिये जाने के बाद राज्य सरकार में इसको लेकर गतिविधियां तेज हो गई हैं. कार्मिक सचिव निधि खरे ने इस संबंध में मुख्यमंत्री से एक से अधिक बार मुलाकात की है और खुद उन्होंने भी कई चरण में बैठकें की हैं.
गौरतलब है कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा सचिवालय सहायक की परीक्षा 21 अगस्त 2016 को ली गई थी. परीक्षा का परिणाम 14 अक्टूबर 2016 को आया था. इसके बाद मुख्य परीक्षा के लिए 27 नबंवर 2016 की तारीख निर्धारित की गई. लेकिन इस बीच 14 नबंवर 2016 को परीक्षा परिणाम रद्द कर दिया गया.
झारखंड में ली गई अधीकतर परीक्षा विवादों में
झारखंड में JPSC और शिक्षक नियुक्ति से लेकर कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा ली गई अधिकतर परीक्षाएं विवादों के घेरे में है. इसमें से JPSC के द्वारा ली गई सिविल सेवा की पहली तीन परीक्षाओं समेत कई दूसरी परीक्षाओं की सीबीआई जांच हो रही है. इनमें बड़े पैमाने पर धांधली किए जाने और अधिकारीयों द्वारा प्रशासनिक पदों के दरुपयोग किए जाने का आरोप है.