
झारखंड के गिरिडीह जिले में मार्च के महीने में नक्सल विरोधी अभियानों के दौरान माओवादियों के पास से सैकड़ों आधार कार्ड सहित कई दस्तावेज और एटीएम कार्ड बरामद किए गए थे. जिसपर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने कहा कि वे उन सभी आधार कार्ड और दस्तावेजों की जांच कराएगी.
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक आर के मलिक ने शुक्रवार को कहा, 'झारखंड सरकार ने अभियानों के दौरान नक्सलियों से बरामद किए गए आधार कार्डों, एटीएम कार्डों और बैंक से जुड़े दस्तावेजों की एनआईए से जांच कराने की सिफारिश की है.'
आर के मलिक ने बताया कि अभियानों के दौरान सुनील सोरेन, उप क्षेत्रीय कमांडर शेखर उर्फ चार्ली और सोहन मांझी सहित 15 माओवादियों को गिरफ्तार किया गया है. सुनील के सिर पर 25 लाख रुपये का इनाम भी घोषित था.
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उन्होंने बताया कि तलाशी अभियान के दौरान भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किए जाने के अलावा सुरक्षा बलों ने 1,125 आधार कार्ड, 60 एटीएम कार्ड और 200 बैंक अकाउंट से जुड़े दस्तावेज बरामद किए थे.
उन्होंने बताया कि झारखंड में राज्य सशस्त्र पुलिस और सीआरपीएफ के गहन नक्सल विरोधी अभियान के कारण राज्य में नक्सलियों की संख्या में काफी कमी आ गई हैं. उन्होंने कहा, 'नक्सल खतरे को बेहतर तरीके से कुचलने के कारण राज्य में इस समय केवल 500 से 600 नक्सली रह गए हैं.'
राज्य में वरिष्ठ माओवादी नेताओं की उपस्थिति के बारे में पूछे जाने पर मलिक ने बताया कि प्रयाग मांझी, मिसिर बेसरा और प्रशांत बोस सहित सभी शीर्ष माओवादियों नेता के ऊपर एक-एक करोड़ रुपये का इनाम है. वे पुलिस के रडार पर हैं और उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा. झारखंड में माओवादियों से बरामद दस्तावेजों की सरकार एनआईए से जांच करवाएगी.