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झारखंड: 19 साल बाद किराए की विधानसभा से मुक्ति, देखें कैसी है नई इमारत

झारखंड राज्य को 19 साल बाद विधानसभा भवन की सौगात मिलने जा रही है. यह भवन 39 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है और 465 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसमें 162 विधायकों के बैठने की क्षमता है.

झारखंड का नवनिर्मित विधानसभा भवन (फोटो- सत्यजीत) झारखंड का नवनिर्मित विधानसभा भवन (फोटो- सत्यजीत)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 12 सितंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

झारखंड राज्य को 19 साल बाद विधानसभा भवन की सौगात मिलने जा रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुरुवार को झारखंड में नवनिर्मित विधानसभा भवन का उद्घाटन करेंगे. जो 39 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है और 465 करोड़ रुपये की लागत से बनाया गया है. इसमें 162 विधायकों के बैठने की क्षमता है.

बता दें कि झारखंड राज्य के गठन से लेकर अब तक झारखंड विधानसभा किराए पर एचईसी के लेनिन हॉल में संचालित थी. नए विधानसभा भवन के उद्घाटन के बाद 13 सितंबर को नए विधानसभा भवन में ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया गया है.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विधानसभा के नए भवन के उद्घाटन के अलावा 68 एकड़ भूमि पर 1,238 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले नए सचिवालय का शिलान्यास भी करेंगे. साथ ही झारखंड विधानभवन पर डाक टिकट भी जारी किया जाएगा.

रांची को पांच योजनाओं की सौगात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रांची में तीन राष्ट्रीय और दो राज्य स्तरीय योजनाओं का शुभारंभ करेंगे. जिसमें किसान मानधन योजना के तहत किसानों को तीन हजार रुपये पेंशन मिलेगी. वहीं गुणवत्तापरक शिक्षा के लिए विशेष तौर पर 462 एकलव्य स्कूलों की आधारशिला रखी जाएगी. वहीं छोटे दुकानदारों को पेंशन उपलब्ध कराने की योजना भी शुरू हो रही है.

किसान मानधन योजना

किसान पेंशन के मामले में झारखंड पांचवां सबसे बड़ा राज्य बन है. झारखंड में सवा लाख से ज्यादा किसानों का रजिस्ट्रेशन है. प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना के तहत 18 से 40 साल के किसान रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. जिससे 60 साल की उम्र के बाद पेंशन योजना के तहत किसानों को 3000 रुपये प्रति महीने का लाभ मिलेगा.

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जनजातियों के लिए एकलव्य मॉडल स्कूल

झारखंड के 13 जिलों में 69 एकलव्य स्कूल खोले जा रहे हैं. जिसमें कक्षा 6 से कक्षा 12 तक की क्लास होंगी और हर बच्चे के ऊपर लगभग 1 लाख 10 हजार रुपये खर्च होंगे.  जिस प्रखंड में 10 हजार से ज्यादा की आबादी होगी वहां एकलव्य स्कूल खोले जाएंगे. बता दें कि एकलव्य विद्यालयों में छात्र और छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के साथ आवासीय, खेल, संगीत आदि की सुविधा भी दी जाती है.

मल्टी मॉडल टर्मिनल

प्रधानमंत्री साहिबगंज में लगभग दो साल में 290 करोड़ रुपये की लागत से नदी पर बनाए गए देश के दूसरे मल्टी मॉडल टर्मिनल की भी सौगात देंगे. पीएम मोदी ने अप्रैल 2017 में साहिबगंज मल्टी मॉडल टर्मिनल (एमएमटी) की आधारशिला रखी थी. यह जलमार्ग विकास परियोजना के तहत गंगा नदी पर बनाए जा रहे तीन मल्टी मॉडल टर्मिनलों में दूसरा मॉडल है.

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