
झारखंड के रामगढ़ जिले से नौकरी के नाम पर ठगी करने का एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. ठगी के शिकार 105 लड़के-लड़कियों को एक अर्धनिर्मित मकान में रखा गया था. उन्हें पुलिस ने रेस्क्यू कर निकाला है. इस पूरे मामले पर पुलिस एक जांच टीम बनाकर जांच कर आगे की कार्यवाही करने में जुटी हुई है.
दरअसल, इस मामले का खुलासा तब हुआ, जब सिमडेगा की रहने वाली एक लड़की खुशबू कुमारी (काल्पनिक नाम) भी गुरुवार को अपनी नौकरी लगने के झांसे में वहां पहुंची. खुशबू कुमारी को कंपनी के लोगो ने एक अंधेरे कमरे में बंद कर दिया. साथ ही उसके मोबाइल को जमा करने की बात करने लगे.
एक छात्रा ने चाचा को शेयर की लाइव लोकेशन
खुशबू को अंदेशा हुआ कि उसके साथ कुछ अनहोनी होने वाली है. इस दौरान उसने बड़ी चालाकी से अपने चाचा रक्षित राम को फोन कर अपनी सुरक्षा की गुहार लगाई. साथ ही उनके वॉट्सऐप पर लाइव लोकेशन शेयर कर दी. अपनी भतीजी को परेशान देख चाचा ने रामगढ़ के लोगो से संपर्क साधा और पुलिस को इस बात की जानकारी दी.
पुलिस ने त्वरित कार्यवाही करते हुए गुरुवार की देर रात रामगढ़ एसडीओ आशीष गंगवार के नेतृत्व में उस अर्धनिर्मित मकान में दबिश दी. पुलिस-प्रशासन भी वहां का नजारा देखकर दंग रह गए. छत पर अंधेरे में 62 लड़के 43 लड़कियों को चटाई पर बैठाया गया था.
पुलिस के पहुंचने से पहले फरार हो गए आरोपी
हालांकि, पुलिस आने की खबर कंपनी के लोगों को लग चुकी थी और वे मौके से फरार हो चुके थे. पुलिस ने सभी 105 लड़के-लड़कियों को वहां से रेस्क्यू कर उन्हें सखी वन सेंटर में सुरक्षित पहुंचा दिया है. इसके साथ ही उनके परिजनों से पुलिस संपर्क कर रही है.
ठगी के शिकार इन युवाओं के अनुसार, कंपनी के लोगों ने उन्हें अलग-अलग सेक्टर में नौकरी लगाने की झांसा दिया था. इसके एवज में उनसे अच्छी खासी रकम भी वसूली गई थी. सभी लड़के-लड़कियां गुमला, सिमडेगा और लोहरदगा के रहने वाले हैं.
परिजनों को दिखाया छात्रावास, बोले यहीं होगी ट्रेनिंग
नौकरी के नाम पर ठगी करने वाले इन शातिर लोगों ने लड़के-लड़कियों के परिजनों को रामगढ़ स्थित पटेल छात्रावास को दिखाया था. उन्हें बताया गया था कि यहीं पर सभी की ट्रेनिंग की व्यवस्था की गई है. सभी लोग यहीं रहेंगे, जबकि सभी को एक अधर्धनिर्मित मकान में गुप्त रूप से रखा गया था.
जाहिर है इतनी बड़ी संख्या में लड़के-लड़कियों का ठगी का शिकार होना यह दर्शाता है कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में किस कदर गरीबी और बेरोजगारी पसरी हुई है. लिहाजा, काम की उम्मीद में भोले-भाले लोग इन जैसे जालसाजों के चक्कर में आसानी से फंस जाते है. इसके बाद वे न सिर्फ अपना समय बर्बाद कर लेते हैं, बल्कि अपना जमा रुपया भी गवां बैठते हैं.