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भीड़ में अनजान चेहरे-बांटे गए नूपुर शर्मा के पोस्टर...रांची हिंसा की क्रोनोलॉजी और जख्मी लोगों का दर्द

Ranchi violence: 10 जून को जुमे की नमाज के बाद बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान को लेकर मुस्लिम समुदाय द्वारा निकाले गए जुलूस के हनुमान मंदिर पहुंचते ही मामला हिंसक हो गया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका तो हालात इस कदर बिगड़े की पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी. गोली लगने से 2 लोगों की मौत हो गई. 

Ranchi violence Ranchi violence
आशुतोष मिश्रा
  • रांची,
  • 12 जून 2022,
  • अपडेटेड 2:00 PM IST
  • रांची में 10 जून को हुई थी हिंसा
  • हिंसा में दो लोगों की गई थी जान
  • कई पुलिसवाले भी हुए थे घायल

झारखंड की राजधानी रांची में 10 जून को हुई हिंसा के मामले में पुलिस ने जांच शुरू कर दी है. एसआईटी के साथ मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर एक हाई लेवल कमेटी का गठन किया गया है. कमेटी को 7 दिनों के भीतर रांची हिंसा की जांच रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है. 

वहीं, इस घटना में कई पुलिसवालों के साथ स्थानीय लोग भी घायल हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. कई गोलियां लगने के बाद अफसर नाम का युवक भी रिम्स अस्पताल में इलाज करवा रहा है. दावा है कि अफसर को 6 गोलियां लगीं जिनमें से 4 शरीर से निकाल ली गई हैं.

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रिम्स अस्पताल में जब आजतक की टीम ने अफसर से बात की तो उसका दावा था कि वो जुलूस में शामिल नहीं था बल्कि बाजार से सामान लेकर लौट रहा था, जब झड़प शुरू हुई तो उसे भी गोलियां लगीं.

 
रांची का ही रहने वाला तबराक भी गोलीबारी में घायल हुआ. तबराक को शरीर के दाएं हिस्से में कमर के पास गोली लगी है और रिम्स में उसका इलाज चल रहा है. आजतक से बातचीत में तबराक में भी दावा किया कि वो मेन मार्केट इलाके में दवा लेने के लिए गया था और लौटते समय गोलीबारी में वो घायल हो गया. 

दो लोगों की हुई थी मौत

बता दें कि, शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद बीजेपी से निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के बयान को लेकर मुस्लिम समुदाय द्वारा निकाले गए जुलूस के हनुमान मंदिर पहुंचते ही मामला हिंसक हो गया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को आगे बढ़ने से रोका तो हालात इस कदर बिगड़े की पुलिस को हवाई फायरिंग करनी पड़ी, जिसमें 2 लोगों की मौत भी हो गई. 

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पहली गोली भीड़ की तरफ से चली!
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इस हिंसक झड़प में कई पुलिसवालों को भी चोट आई है, यहां तक कि रांची के सिटी एसपी अंशुमान कुमार भी बुरी तरह चोटिल हुए. अंशुमन कुमार के दाएं हाथ पर आज भी पट्टी बंधी है तो चेहरे पर चोट के निशान ताजा हैं. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है, लेकिन जांच के विषय पर सिटी एसपी ने बात करने से मना कर दिया. हालांकि  ये जरूर बताया की प्राथमिक तौर पर ये नजर आता है कि पहली गोली जुलूस की तरफ से फायर की गई थी जिसके बाद आत्मरक्षा में पुलिस को कार्रवाई करनी पड़ी.

मेन मार्केट रोड में हनुमान मंदिर के पास हिंसा के निशान
 
मेन मार्केट रोड में हनुमान मंदिर के पास हिंसा के निशान आज भी ताजा हैं. पथराव के फुटप्रिंट और गोलियां जहां-तहां दिखाई पड़ेंगी. एक गोली काली मंदिर के पास बिजली के खंबे में जा घुसी और आर-पार हो गई. वहीं, इकरा मस्जिद जहां पर जुलूस इकट्ठा हुआ और प्रदर्शन शुरू हुआ उसी गली में रहने वाले अली का दावा है कि पहली गोली मंदिर की तरफ खड़े लोगों की ओर से चलाई गई जिसे उन्होंने अपनी आंख से देखा और अब वो पुलिस के सामने बयान भी देंगे. 
 
आजतक ने जांच कर रहे सूत्रों से जब बात करने की कोशिश की तो उन्होंने दावा किया कि इस मामले में आउटसाइडर सियानी बाहरी लोगों की भूमिका की जांच भी की जा रही है क्योंकि उनका मानना है कि हिंसा के दिन कई सारे चेहरे ऐसे दिखाई पड़े जिन्हें इलाके में पहले नहीं देखा गया था. इतनी बड़ी भीड़ अचानक इकट्ठे नहीं हो सकती. ऐसे में एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा भी हो सकता है क्योंकि बीती रात पहले ही नूपुर शर्मा के पोस्टर भी गोपनीय तरीके से इलाके में बांटे गए थे. 

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हिंसा के बाद रांची शहर में कर्फ्यू लगा दिया था और अफवाह ना फैलाएं इसलिए इंटरनेट पर भी बैन लगा दिया गया था, लेकिन रविवार की सुबह इंटरनेट बहाल हो गया है. रांची में हालात तनावपूर्ण हैं लेकिन दूसरी कोई घटना नहीं होने पाई है. कानून व्यवस्था बहाली करने के लिए बड़ी संख्या में सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है.

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