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रांची: रिटायर्ड अधिकारी से 2.27 करोड़ की ठगी, डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर साइबर अपराधियों ने वारदात को दिया अंजाम

रांची के एक रिटायर्ड अधिकारी को साइबर अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर 2.27 करोड़ रुपये ठगे. ठगों ने खुद को TRAI और साइबर सेल का अधिकारी बताकर झूठे केस में फंसाने की धमकी दी. पीड़ित की शिकायत पर CID ने FIR दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

(प्रतीकात्मक फोटो) (प्रतीकात्मक फोटो)
सत्यजीत कुमार
  • रांची,
  • 15 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 12:40 PM IST

झारखंड के रांची से साइबर ठगी का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. बरियातू क्षेत्र में रहने वाले CCL के रिटायर्ड अधिकारी साइबर ठगी का शिकार हो गए. ठगों ने खुद को टेलीफोन रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) और साइबर सेल के अधिकारी बताकर डराया. साथ ही झूठे मामलों में फंसाने की धमकी दी. बदमाशों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाकर उनसे 2.27 करोड़ रुपये अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवाए. 

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रिटायर्ड अधिकारी को ठगों ने बताया कि उनके मोबाइल नंबर से भ्रामक विज्ञापन प्रसारित हुआ है, जिसके कारण उन पर साइबर अपराध का मामला दर्ज किया जाएगा. इसके बाद अलग-अलग नंबरों से फर्जी अधिकारियों और एक महिला का फोन आया. ठगों ने कहा कि उन्हें 10 दिसंबर से 20 दिसंबर तक डिजिटल अरेस्ट किया गया है. ठगी का शिकार हुए कोल इंडिया के रिटायर अफसर रांची के बरियातू इलाके में रहते हैं. 

रिटायर्ड अधिकारी से 2.27 करोड़ रुपये की ठगी 

ठगों ने लगातार दबाव बनाकर RTGS और NEFT के जरिए आठ अलग-अलग खातों में पैसे ट्रांसफर करवाए. मामले का खुलासा होने पर अधिकारी ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 और CID से संपर्क किया. CID के IG असीम विक्रांत मिंज ने बताया कि ठगों ने कुल 2 करोड़ 27 लाख 50 हजार रुपये की ठगी की है.

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पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू की

ऐसी आशंका जताई जा रही है कि इस ठगी के तार महाराष्ट्र से जुड़े हो सकते हैं. लेकिन सवाल खड़ा हो रहा है कि साइबर अपराधियों को लोगों की आर्थिक और व्यक्तिगत जानकारी कैसे मिलती है. साइबर अपराध रोकने के लिए जागरूकता अभियान के बावजूद ऐसी घटनाएं चिंताजनक हैं. CID ने FIR दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

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