
झारखंड में दुधारू गाय वितरण योजना में व्यापक पैमाने पर गड़बड़ी पाई गई है. इस दौरान अधिकारियों ने पशु व्यापारियों और बिचौलियों से मिलकर बीमार गायों का वितरण किया. BPL ग्रामीणों की दी जानेवाली गायों के स्वास्थ्य की जांच भी नहीं की गई, नतीजतन गाय लेने वाले बीपीएल परिवार के किसान ठगे गए हैं. दरअसल अधिक दूध देने के सरकारी दावे के उलट गायें एक या दो किलो दूध ही दे रही हैं, यही नहीं कई बीमार गाय मर भी गई है, ऐसे में किसानों के सामने कर्ज चुकाने को लेकर बड़ी समस्या खड़ी हो गयी है.
क्या है मामला ?
दरअसल राज्य के कई प्रखंडों में बीपीएल परिवारों को गाय आवंटन करने के नाम पर जिला गव्य विकास विभाग और दलालों द्वारा खुला खेल खेला गया. बीते साल कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की ओर से 90 प्रतिशत
अनुदान पर बीपीएल परिवारों को दो दुधारू गाय वितरण की योजना शुरू की गयी थी.
योजना के तहत दुधारू गायों की खरीद के लिए जिला और राज्य स्तर पर मेले का आयोजन किया गया लेकिन गव्य अधिकारियों ने पशु विक्रेताओं से मिलीभगत कर मेले में गायों की खरीद के बाद बिना स्वास्थ्य जांच और स्वास्थ्य प्रमाण निर्गत किए ही इनका वितरण ग्रामीणों के बीच कर दिया. वैसे किसानों को वितरण के समय गायों द्वारा 10 से 20 किलो दूध देने की बात कही गई थी, लेकिन गायें सिर्फ दो से तीन किलो दूध ही दे रही हैं. आरोप है कि इस पुरे खेल में लाखों के वारे-न्यारे किये गए.
विभाग ने जांच के आदेश दिए
राज्य के कृषि एवं पशुपालन मंत्री को इसकी शिकायतें मिलने के बाद उन्होंने विभाग को इसके जांच कराने और दोषियों को दंडित करने को कहा है. साथ ही दोषी पाए जानेवाले पशु व्यापारियों को ब्लैक लिस्टेड करने का भी आदेश
दिया गया है. इसके लिए कृषि एवं पशुपालन विभाग की विशेष सचिव की ओर से एक दो सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है, जो एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देगी.