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ट्रेनिंग के दौरान दो CRPF जवानों के सीने में उठा दर्द, इलाज के दौरान दोनों की मौत

झारखंड में ट्रेनिंग के दौरान दो सीआरपीएफ जवानों को सीने में दर्द के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान दोनों की मौत हो गई. हालांकि अभी यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि मौत हार्ट अटैक से हुई या कोई और वजह रही. दोनों जवानों के परिजनों को घटना की सूचना दे दी गई है.

दो CRPF जवानों की मौत. (Representational image) दो CRPF जवानों की मौत. (Representational image)
aajtak.in
  • चाईबासा,
  • 16 जून 2023,
  • अपडेटेड 10:30 AM IST

झारखंड में सीआरपीएफ के मुसाबनी जोनल ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग के दौरान दो सीआरपीएफ जवानों को सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसके बाद दोनों जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां दोनों ने दम तोड़ दिया. हालांकि मौत के पीछे के कारण स्पष्ट नहीं हो सके हैं. दोनों जवान साल 2001 और 2005 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे.

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जानकारी के अनुसार,  सीआरपीएफ के मुसाबनी जोनल ट्रेनिंग सेंटर में दो सीआरपीएफ के जवान गुरुवार दोपहर ट्रेनिंग का हिस्सा थे. इसी दौरान दोनों जवानों को सीने में दर्द की शिकायत हुई. इसकी जानकारी साथी जवानों ने अधिकारियों को दी. सीआरपीएफ 133 बटालियन मणिपुर के जवान हवलदार प्रेम कुमार सिंह और 7 बटालियन गिरिडीह से बिहार के बक्सर निवासी शंभू राम गौड़ को मेडिट्रीना अस्पताल जमशेदपुर में भर्ती कराया गया. 

जमशेदपुर के अस्पताल में इलाज के दौरान दोपहर गुरुवार को 1:30 बजे जवान प्रेम कुमार सिंह और 3:30 बजे शंभू राम गौड़ की मौत हो गई. दोनों जवानों की मौत हार्टअटैक से हुई या अन्य किसी वजह से हुई, ये पता नहीं चल सका है.

अधिकारियों ने जवानों के परिजनों को दी सूचना

सीआरपीएफ के अधिकारियों इस घटना पर दुख प्रकट करते हुए जवानों के परिजनों को सूचना दे दी है. अधिकारियों ने बताया कि गुरुवार को किसी भी तरह का कठिन शारीरिक एक्सरसाइज नहीं कराया था. बानालोपा स्थित 193 बटालियन के मुख्यालय स्थित फाइलिंग रेंज में प्रशिक्षण लेने आये 275 जवानों में से 265 जवानों ने प्रशिक्षण लिया था. यह प्रशिक्षण सुबह लगभग 10.30 बजे समाप्त हुआ और फिर सभी जवान अपने अपनी बैरक में लौट गए थे.

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2001 और 2005 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे जवान

इस प्रशिक्षण केंद्र में झारखंड के कुल 19 बटालियन के जवान प्रशिक्षण लेने आए हैं. यहां 45 दिन की प्री इंडक्शन ट्रेनिंग होती है, जिसमें जंगलवार, एलआरपी, योग व नक्सलियों के खिलाफ जंग के लिए फाइलिंग का प्रशिक्षण दिया जाता है. हवलदार प्रेम कुमार वर्ष 2001 और शम्भू कुमार 2005 में सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे.

(रिपोर्टः मृत्युंजय)

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