
विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने युवाओं में आ रहे वैचारिक भटकाओं को रोकने के लिए आह्वाहन किया. उन्होंने कहा कि जिहादी हिंसा से समाज की सुरक्षा के लिए युवाओं को आगे आने की जरूरत है. देश पर में मुस्लिम समाज के कई संगठनों और कम्युनिस्टों की ओर से हिंदू समाज में नफरत फ़ैलाने की कोशिश कर रहे हैं. जिहादियों से सचेत रहने की जरूरत.
परांडे ने कहा कि सरकारी आंकड़ों के अनुसार पिछले कुछ सालों में देश में 13 लाख महिलाओं का अपहरण किया गया, जिनमें से ज्यादातर हिंदू महिलाएं हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि अपहरण मुस्लिमों और ईसाई मिशनरियों द्वारा धर्मांतरण के लिए किया जा रहा है. धर्मांतरण के कारण जनसंख्या का असंतुलन पैदा होता दिख रहा है. झारखंड के साहिबगंज, पाकुड़ और गोड्डा जिले की स्थिति सबके सामने है.
दरअसल, परांडे शनिवार को शुरू हुई अखिल भारतीय बजरंग दल की दो दिवसीय बैठक में भाग लेने के लिए झारखंड की राजधानी रांची में थे. यहां उन्होंने कहा, "भारत में विश्व मूलनिवासी दिवस मनाने की आवश्यकता नहीं है. इस देश के मूलनिवासी लाखों वर्षों से हिंदुओं के साथ शांतिपूर्वक रहते आए हैं. भारत में एक विदेशी अवधारणा को थोपा जा रहा है."
उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर शुरू किया गया जनजातीय गौरव दिवस भारत के मूल निवासियों के योगदान का जश्न मनाने के लिए उपयुक्त है."
मणिपुर मुद्दे पर उन्होंने कहा, "कुछ लोग इसे हिंदुओं और ईसाइयों के बीच टकराव के रूप में चित्रित करने की कोशिश कर रहे हैं, जो पूरी तरह से गलत है. यह पूर्वोत्तर राज्य में दो समुदायों के बीच टकराव है. मणिपुर में हिंसा रोकी जानी चाहिए. हिंसा के कारण 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं और वे लगभग 300 शिविरों में रहने को मजबूर हैं."