
झारखंड (jharkhand) के रांची (Ranchi) जिले में जंगली हाथी के हमले में महिला की मौत हो गई. वहीं, महिला के बच्ची की रोने की आवाज सुन हाथी ने उसे छोड़ दिया और फिर जंगल की ओर भाग गया. बताया गया कि हाथी महिला को बच्ची समेत अपनी सूंड़ से उठाकर दूर ले गया था. फिर महिला की जमीन पर पटक-पटक कर जान ले ली. सूचना मिलने पर मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की नकद आर्थिक सहायता दी है.
दरअसल, घटना शुक्रवार-शनिवार रात को जिले के सोनाहातु थाना क्षेत्र के तेतरटांड़ गांव में हुई. रात करीब 1 बजे गांव में 50 के करीब हाथियों का झुंड घुस आया था. उनमें से एक हाथी ग्रामीण बुद्धेश्वर महतो के घर की दीवार तोड़ घुस गया. उस समय बुद्धेश्वर अपनी पत्नी वैशाखी देवी और एक साल की बच्ची के साथ सोए हुए थे.
परिवार कुछ समझ पाता उसके पहले ही जंगली हाथी वैशाखी को उसकी बच्ची समेत सूंड़ में उठाकर दूर निकल गया. पति बुद्धेश्वर ्अपनी जान बचाने के लिए घर में बनी चौकी के नीचे जा छुप गया. इधर गांव के अन्य लोग भी अपने-अपने घरों में जाकर छुप गए.
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मां को मारा और बेटी के रोने की आवाज सुन कर छोड़ा
अपनी सूंड़ में वैशाखी और उसकी बच्ची को उठाकर हाथी थोड़ी दूर तक गया. फिर उनसे वैशाखी को कई बार जमीन पर पटका. इस दौरान बच्ची छिटककर जमीन पर जा गिरी और रोने लगी. उसके रोने की आवाज सुन कर हाथी ने वैशाखी को सूंड़ से नीचे फेंक और जंगल की ओर भाग निकला.
हाथियों का तांडव कम होने पर पति गांव के अन्य लोगों के साथ वैशाखी और बच्ची के पास पहुंच तो पाया कि मां की मौत हो चुकी थी, लेकिन बच्ची सही सलामत थी.
पीड़ित परिवार को साढ़े तीन लाख रुपये की आर्थिक सहायता
गांव वालों ने घटना की जानकारी वन विभाग को दी. इसके बाद कई टीम गांव पहुंची. देखा तो महिला की मौत हाथी के हमले में हो गई थी. वहीं, घर को नुकसान पहुंचाया गया था. वन विभाग ने तत्काल पीड़ित परिवार को प्रथम किस्त मुआवजा के तौर पर 50 हजार नगद दिया. अधिकारियों के मुताबिक पीड़ित परिवार को बाकी की 3 लाख रुपये की मुआवजा राशि कागजी कार्रवाई पूरी होने के बाद दे दी जाएगी.
बीते 18 दिन में तीसरी मौत, 50 हाथियों की आतंक
ग्रामीण सुदेश कुमार ने बताय कि बीते दो महीने से इस क्षेत्र में लगभग 50 की संख्या में जंगली हाथियों ने अपना डेरा जमाया हुआ है. झुंड कभी भी गांव में आकर हमला कर देता है. बीते 18 दिन के अंदर तीन लोगों को हाथियों ने मार डाला है. फिर भी वन विभाग ग्रामीणों को जंगली हाथियों से निजात दिलाने में नाकाम है.
हाथियों के संबंध में जल्द होगी हाई लेबल मीटिंग
वहीं, हाथियों के हमले में महिला की जान जाने पर स्थानीय विधायक विकास मुंडा ने शोक जताया है. विधायक ने कहा है कि हाथी की समस्या को लेकर विभाग से कई बार बैठक कर चर्चा कर चुके हैं. बंगाल और झारखंड बाॅर्डर पर हाथियों के आने -जाने का रास्ता रोक दिया गया है, जिससे हाथी इसी क्षेत्र में विचरण करने को विवश हैं. विधायक ने कहा कि जल्द ही हाई लेबल बैठक कर इस समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे. अंतर्राज्यीय मामला होने के कारण विलंब हो रहा है.