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पाकिस्तान से लौटी गीता जल्द बनेगी दुल्हनिया, शादी के इच्छुक 14 युवकों में से चुनेगी दूल्हा

गीता से इन युवकों की मुलाकात इंदौर के परदेशीपुरा स्थित शासकीय विकलांग संस्था में होगी. गीता से शादी के इच्छुकों में अहमदाबाद से जितेश पटेल और टीकमगढ़ से अरुण नामदेव शामिल हैं. अरुण नामदेव शासकीय कर्मचारी हैं वहीं जितेश पटेल प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं. 

गीता गीता

ढाई साल पहले पाकिस्तान से भारत लाई गई मूक बधिर लड़की गीता के लिए जल्दी स्वयंवर की तैयारी है. गीता से शादी के लिए इच्छुक युवकों के देशभर से प्रस्ताव आए जिनमें से 14 युवकों के प्रस्ताव छांटे गए. गीता जिसे पसंद करेगी उसी के साथ उसका विवाह संपन्न कराया जाएगा. गीता से गुरुवार को छह ऐसे युवकों का परिचय कराया जाएगा. बाकी 8 युवकों से गीता शुक्रवार को मिलेगी.   

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गीता से इन युवकों की मुलाकात इंदौर के परदेशीपुरा स्थित शासकीय विकलांग संस्था में होगी. गीता से शादी के इच्छुकों में अहमदाबाद से जितेश पटेल और टीकमगढ़ से अरुण नामदेव शामिल हैं. अरुण नामदेव शासकीय कर्मचारी हैं वहीं जितेश पटेल प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं.  

गीता को 2015 में विदेश मंत्रालय की पहल पर पाकिस्तान से भारत लाया गया था. गीता की शादी के प्रस्ताव के लिए उसके प्रोफाइल में लिखा गया-  “28 वर्षीय लड़की के लिए सुंदर, पढ़ा-लिखा और कम्प्यूटर जानने वाला लड़का चाहिए, लड़की खाना अच्छा बनाती है, बैग मेकिंग, एम्ब्रॉयडरी, ब्यूटी पार्लर आदि का प्रशिक्षण भी लिया है.'

गीता के माता-पिता को ढूंढ़कर उसके घर भेजना था. कुछ लोगों ने गीता के अपनी बेटी होने के दावे भी किए. डीएनए मिलान नहीं होने की वजह से गीता के असल माता-पिता अब तक नहीं मिल सके. इतने इंतजार का भी कोई नतीजा नहीं निकला तो गीता निराशा का अनुभव करने लगी. उसकी जिंदगी में कुछ नयापन और स्थायित्व लाने के मकसद से उसकी शादी की बात सोची गई. गीता ने भी जब ऐसी इच्छा जताई तो इंदौर की आनंद मूक-बधिर संस्था के प्रबंधन ने विदेश मंत्रालय को इस विषय में चिट्ठी लिखी. ये वही संस्था है जिसे गीता की देख-रेख की जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसी संस्था के हॉस्टल में गीता रह रही है. 

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विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से हरी झंडी मिलने के बाद गीता के लिए योग्य वर की तलाश शुरू की गई. ये जिम्मेदारी आनंद मूक बधिर संस्था के साथ प्रशासन को सौंपी गई. गीता से शादी के लिए इच्छुक जितने भी युवकों के प्रस्ताव आए उनमें से बेहतर बायोडाया वाले प्रस्ताव ही छांट कर विदेश मंत्रालय भेजे गए. इन्हीं में से छांटे गए 14 प्रस्तावों वाले युवकों का परिचय 7 और 8 जून को गीता से कराया जा रहा है.

आनंद मूक बधिर संस्था से जुड़े ज्ञानेंद्र पुरोहित ने बताया कि गीता के लिए परिचय सम्मेलन से लेकर सोशल साइट तक दूल्हे की तलाश की गई. संस्था से जुड़ी मोनिका पुरोहित के मुताबिक जिन युवकों ने बायोडाटा भेजा उनमें 70% मूक-बधिर और 30% सामान्य हैं. बायोडाटा भेजने वालों की उम्र 25 से 35 साल की उम्र के बीच है.

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