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MP: कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा '80 साल का बुजुर्ग', बोला- 'जिंदा हूं... रिश्तेदारों ने हड़प ली प्रॉपर्टी

80 साल के बुजुर्ग खुद को जिंदा साबित करने की जद्दोजहेद करने में जुटे हैं. उनका आरोप है कि उनके रिश्तेदारों ने उन्हें मृत घोषित कर उनकी जमीन को हड़प लिया है. अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को पूरा प्रकरण सौंपा दिया है.

कलेक्टर की जनसुनवाई में दुले सिंह कलेक्टर की जनसुनवाई में दुले सिंह
धर्मेंद्र कुमार शर्मा
  • इंदौर ,
  • 16 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST
  • कलेक्टर की जनसुनवाई में पहुंचा 'मृत शख्स'
  • 80 साल के बुजुर्ग बोले- 'जिंदा हूं मैं पर सबूत नहीं'
  • प्रशासन ने दिए मामले के जांच के आदेश

मध्य प्रदेश के इंदौर में 80 साल का एक बुजुर्ग कलेक्टर ऑफिस की जनसुनवाई में अपनी फरियाद लेकर पहुंचा. जहां उसने बताया कि उसके परिवार वालों ने संपत्ति हड़पने के चक्कर में उसे मृत घोषित कर दिया, जबकि वो जिंदा हैं. इस घटना ने हर किसी को चौंका दिया है. प्रशासन की तरफ बुजुर्ग को भरोसा दिलाया गया है कि उनकी हर संभव मदद की जाएगी. 

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80 साल के दुले सिंह मंगलवार को इंदौर में कलेक्टर दफ्तर में जनसुनवाई में पहुंचे. जहां उन्होंने बताया कि उनके रिश्तेदारों ने उन्हें मृत घोषित कर उनकी जमीन हड़प ली है. अब वो  खुद को जिंदा साबित करने के लिए दर-दर भटक रहे हैं.

दुले सिंह के मुताबिक उनके पूर्वज के द्वारा उनके और उनकी मौसी के नाम पर एक जमीन नाम की गई थी. कुछ समय पहले उनकी मौसी की मृत्यु के बाद उनके रिश्तेदारों ने उन्हें भी कागजों पर मृत घोषित कर दिया और उनकी जमीन पर कब्जा कर लिया है. 

प्रशासन ने दिये मामले की जांच के आदेश 

ऐसे में खुद को जिंदा साबित करने और अपनी संपत्ति को वापस लेने के लिए दुले सिंह लंबे समय से प्रयास कर रहे है. अब इस जद्दोजहद में वह कलेक्टर की जनसुनवाई में अपनी शिकायत लेकर पहुंचे हैं. जहां उनकी मांग है कि शासन और प्रशासन उनके इस मामले में सुनवाई कर उन्हें उचित न्याय दिलाए.

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खुद को जिंदा साबित करने में लगा 80 साल का बुजुर्ग

इस मामले पर अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर ने कहा कि बुजुर्ग शिकायत लेकर पहुंचे थे. उम्र ज्यादा होने के कारण पूरा मामला स्पष्ट रूप से समझाने की स्थिति में नहीं हैं. उन्होंने बताया कि बुजुर्ग को मृत साबित कर उनकी संपत्ति को हड़पने के प्रयास के मामले में प्रशासन जांच करेगा. लेकिन बुजुर्ग के पास इस बात का कोई प्रमाण नहीं है कि वो खुद दुले सिंह है. जिसके चलते संबंधित क्षेत्र के एसडीएम को पूरा प्रकरण सौंपा गया है और जल्द ही पूरे मामले में निराकरण किया जाएगा. 

 

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