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MP: भिंड विधानसभा सीट पर सत्ता विरोधी लहर का क्या पड़ेगा असर?

यहां के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ठाकुर (कुशवाह), ओबीसी, ब्राह्मण मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. इसके अलावा जैन समाज और मुस्लिम समाज का अच्छा ख़ासा प्रभाव है.

भिंड विधानसभा सीट. भिंड विधानसभा सीट.
आदित्य बिड़वई
  • भिंड,
  • 13 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:00 PM IST

भिंड विधानसभा सीट अभी बीजेपी के पास है और विधायक हैं नरेंद्र सिंह कुशवाह. लेकिन क्या इस बार यह सीट बीजेपी के पास बरकरार रहेगी यह कहना मुश्किल है. क्योंकि इस सीट से एक मिथक जुड़ा है. वह यह कि 2003 से कोई भी पार्टी यहां लगातार दो बार चुनाव नहीं जीत सकी है.

 वर्ष 2003 में बीजेपी के नरेंद्र सिंह कुशवाह विधायक यहां से विधायक चुके गए थे, जबकि 2008 में कांग्रेस के चौधरी राकेश सिंह चतुर्वेदी विधायक चुने गए. 2013 के चुनाव में मतदाताओं ने फिर बीजेपी से नरेंद्र सिंह कुशवाह को विधानसभा भेजा था.

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हालांकि, इस बार कहा जा रहा है कि इस सीट पर मध्य प्रदेश में व्याप्त शिवराज सरकार के प्रति एंटी इंकंबेंसी का असर दिखाई देगा. कहा तो यह भी जा रहा है कि पूर्व मंत्री चौधरी राकेश सिंह के चुनाव लड़ने की घोषणा से भाजपा में टिकट के लिए मैराथन होगी. इससे बीजेपी, कांग्रेस और बसपा तीनों ही दलों के समीकरण बदलेंगे.

यहां के जातीय समीकरण की बात करें तो यहां ठाकुर (कुशवाह), ओबीसी, ब्राह्मण मतदाता निर्णायक स्थिति में हैं. इसके अलावा जैन समाज और मुस्लिम समाज का अच्छा ख़ासा प्रभाव है.

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