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62 साल के हुए MP के 'कॉमन मैन' CM शिवराज, किया है सबसे लंबे समय तक राज

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 62 साल का सफर तय कर लिया है. उन्होंने अपने जन्मदिन पर लोगों से पौधा लगाने की अपील की है.

कुबूल अहमद
  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 9:15 AM IST
  • चौथी बार बने हैं मध्य प्रदेश के सीएम
  • जनता के बीच है सरल नेता की छवि
  • सीहोर जिले में हुआ था शिवराज का जन्म 

मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा समय तक सत्ता की बागडोर संभालने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जीवन के 62 साल का सफर तय कर लिया है. उन्होंने अपने जन्मदिन पर लोगों से पौधा लगाने की अपील की है. शिवराज ने कहा, 'मेरी प्रार्थना है कि मेरे इस जन्मदिन की खुशी फूलमाला और बुके से स्वागत करके न मनाएं, इसके बजाए एक पेड़ लगाएं. पेड़ है तो ऑक्सीजन है और ऑक्सीजन है तो जीवन है. इसलिए वृक्ष भी जीवन है.' 

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चौथी बार एमपी के मुख्यमंत्री बने शिवराज सिंह चौहान की छवि जनता के बीच एक सरल नेता और कॉमन मैन की है. बीजेपी आलाकमान भी शिवराज सिंह चौहान को तवज्जो देना नहीं भूलती है. यही वजह है कि 2018 में सत्ता गवांने के बाद भी बीजेपी ने शिवराज चौहान को सूबे के सभी मोर्चों में आगे कर रखा था. ऐसे में 15 महीने के बाद बीजेपी की सत्ता में वापसी हुई और सरकार बनने पर प्रदेश की कमान भी शिवराज सिंह चौहान को ही सौंपी गई है और उन्हीं के सिर मुख्यमंत्री का ताज सजा. मध्य प्रदेश के इतिहास में शिवराज पहले नेता हैं, जो चौथी बार सीएम बने हैं. इससे पहले तक तीन बार का रिकॉर्ड श्यामा चरण शुक्ला के नाम दर्ज है.

सीहोर में हुआ था शिवराज का जन्म

शिवराज सिंह चौहान का जन्म मध्य प्रदेश के सीहोर जिले के जैत गांव में 5 मार्च 1959 को हुआ है. उनके पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और मां का नाम सुंदर बाई चौहान है. शिवराज सिंह की शादी 1992 में साधना सिंह से हुई, जिनसे उनके दो पुत्र हैं. एक का नाम कार्तिकेय सिंह चौहान और दूसरे का नाम कुणाल सिंह चौहान है. शिवराज ने बरकतुल्ला विश्वविद्यालय, भोपाल से दर्शनशास्त्र में स्वर्ण पदक हासिल किया था।

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शिवराज का सियासी सफर

शिवराज सिंह चौहान ने छात्र जीवन में सियासत में कदम रख दिया था. शिवराज ने राष्‍ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ता के रूप में अपनी सेवाएं शुरू कीं और वे 13 साल की आयु में 1972 में आरएसएस में शामिल हुए और तब से लेकर आज तक वे अलग-अलग स्‍वरूपों में अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं. वे मॉडल हायर सेकंडरी स्कूल की स्टूडेंट्‍स यूनियन के 1975 में अध्यक्ष चुने गए थे. वे मध्‍य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट से पांच बार सांसद रह चुके हैं. शिवराज इमरजेंसी में जेल भेजे गए थे और बाहर आकर एबीवीपी के संगठन मंत्री बना दिए गए.

पहली बार 1990 में बने थे विधायक

मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान पहली बार विधायक 1990 में हुए उपचुनाव में जीतकर बने. बुधनी विधानसभा सीट से उन्होंने जीत हासिल की थी. हालांकि, बुधनी से शिवराज को टिकट दिलाने की भूमिका 1989 में विदिशा से सांसद बने राघवजी ने बनाई. राघवजी को दिल्ली की राह पकड़नी थी तो वो अपने इलाके में अपने ही भरोसेमंद बैठाना चाहते थे. ऐसे में शिवराज उनकी पसंद बने और उन्हीं की सिफारिश पर शिवराज को टिकट मिला था. इसके बाद शिवराज ने सियासत में पलट कर नहीं देखा.

2005  में बुलंदी पर पहुंचे सितारे

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शिवराज सिंह चौहान 2005 में मध्य प्रदेश बीजेपी के अध्यक्ष नियुक्त किए गए थे. इस साल उनके सियासी सितारे बुलंद हुए और पार्टी ने बाबूलाल गौर को हटाकर शिवराज सिंह चौहान को सीएम की कुर्सी सौंपी. इसके बाद शिवराज 2008 में दोबारा प्रचंड जीत के साथ मुख्यमंत्री बने और 2013 में शिवराज ने तीसरी बार लगातार जीत दर्ज की और तीसरी बार मुख्यमंत्री बने थे और साल 2020 मार्च में चौथी बार सत्ता की कमान संभाली. इस तरह सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले मुख्यमंत्री के रूप में उनका नाम दर्ज हो गया.

 

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