
एमपी के भोपाल में वैक्सीन ट्रायल (Vaccine Trial) के दौरान कोवैक्सीन (Covaxin) की पहली डोज लेने के 9 दिन बाद दीपक मरावी नाम के शख्स की रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई. मौत के दो महीने बीत जाने के बाद आज उसकी विसरा रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट में एथिल अल्कोहल और ओमेप्रोजॉल का उल्लेख किया गया है, कोई अन्य केमिकल जहर नहीं पाया गया. हालांकि, इससे पहले जहर के कारण मौत को खारिज कर दिया था.
बता दें कि दीपक मरावी (Deepak Marawi) की मौत के मामले में विसरा रिपोर्ट (Viscera Report) की एक्सक्लूसिव कॉपी इंडिया टुडे के हाथ लगी है. जिसमें दो बातें सामने आई हैं, एथिल एल्कोहल और ओमेप्रोजॉल. फॉर्मोकोलॉजी विभाग के प्रमुख अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि ओमेप्रोजॉल एसिडिटी की दवा है. ये मौत का कारण नहीं बन सकती. मालूम हो कि अरुण श्रीवास्तव सरकारी फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के भी प्रमुख थे, जिसने दीपक मरावी की मौत के मामले में प्रोटोकॉल के पालन की जांच की थी.
डॉक्टर श्रीवास्तव ने कहा, "शराब के अत्यधिक सेवन के कारण होने वाली मौतों से इनकार नहीं किया जा सकता है. लेकिन इसकी पुष्टि विसरा रिपोर्ट के निष्कर्षों की जांच के बाद ही की जा सकती है." उन्होंने इस संभावना से भी इनकार नहीं किया कि मारवी ने ओमेप्राज़ोल का सेवन खुद किया हो, क्योंकि गैस्ट्रिक से संबंधित समस्याओं के लिए ये दवा आसानी से मिल जाती है.
हालांकि, दीपक मरावी के परिवार के सदस्यों ने कहा कि दीपक ने 21 नवंबर को मरने से पहले या उससे पहले शराब का सेवन नहीं किया था. सदस्यों ने कहा कि "उसके शराब का सेवन करने का कोई सवाल ही नहीं है, वह तीन दिनों से बीमार था और घर से बाहर भी नहीं निकला था."
उधर, पुलिस ने अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं किया है. लेकिन जांच जारी है. भोपाल के पुलिस उप महानिरीक्षक इरशाद वली के मुताबिक, हम पुख्ता तौर पर नहीं कह सकते लेकिन रिपोर्ट में एथिल अल्कोहल और ओमेप्रोजॉल लेना आया है. एक्सपर्ट से पूछ रहे हैं कि इन दोनों का मिश्रण जहरीला कैसे हो सकता है, जिससे किसी की मौत हो जाए. हमें एफएसएल रिपोर्ट मिल गई है हम जांच कर रहे हैं.'
गौरतलब है कि 45 वर्षीय दीपक मरावी को भारत बायोटेक और मेडिकल काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा संयुक्त रूप से किए जा रहे तीसरे चरण के ह्यूमन ट्रायल के तहत कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी. लेकिन उसके नौ दिन बाद रहस्यमय परिस्थितियों में दीपक मौत हो गई. पिछले साल 21 दिसंबर को जहर के कारण मौत को खारिज कर दिया था क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में इसका कारण संदिग्ध था. लेकिन अब विसरा रिपोर्ट से भी तस्वीर साफ नहीं हो पाई है.