
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का भंडाफोड़ किया है जो ऊंची कीमत पर मरीज के परिजनों को रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचकर मोटा माल कमाते थे. मामले में क्राइम ब्रांच की टीम ने 4 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमे से एक आरोपी डॉक्टर है.
दरअसल, भोपाल क्राइम ब्रांच को जानकारी मिली थी कि शाहजहानाबाद इस्लामी गेट के पास कुछ युवक कोरोना के इलाज में काम आने वाले किसी इंजेक्शन को ऊंची कीमत पर ब्लैक में बेचने के लिए खड़े हैं. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने जाल बिछाया और बताई गई जगह पर मुआयना किया तो वहां 4 लड़के खड़े मिले.
क्राइम ब्रांच के लोग सादी वर्दी में वहां पहुंचे और चार युवकों को पकड़ लिया. जब युवकों की तलाशी ली गयी तो उनके पास से चार रेमडेसिविर इन्जेक्शन और 24 हजार रुपये ये नगद मिले. जब युवकों से रेमडेसिविर इन्जेक्शन से जुड़े दस्तावेज मांगे गये तो उनके पास कोई बिल या डिलीवरी आर्डर नहीं मिला.
पुलिस ने चारों युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो उन्होंने बताया कि वह शाहजहानाबाद इलाके की एक मेडिकल शॉप से करीब सात हजार रुपए में एक इंजेक्शन खरीदा था और फिर जरूरतमंद कोरोना मरीजों के परिजनों को 12 हजार से लेकर 18 हजार रुपये तक के ऊंचे दामों पर बेचकर मुनाफा कमाने का प्लान था. पकड़े गए आरोपियों में से एक आरोपी डॉक्टर है.
पुलिस अब यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इन लोगों ने पहले भी इसी तरह रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाज़ारी तो नहीं की? अगर की है तो कितने लोगों को अबतक यह रेमडिसिविर इंजेक्शन बेच चुके हैं.
फिलहाल पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 269, 270 भादवि धारा 53/57 आपदा प्रबंधन अधिनियम, धारा 3 महामारी अधिनियम, धारा 3/7 आवश्यक वस्तु अधिनियम, धारा 5/13 म.प्र. ड्रग कन्ट्रोल अधिनियम के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.
वहीं चंडीगढ़ पुलिस की ऑपरेशन सेल ने ताज होटल में छापा मारकर रेमडेसिविर की कालाबाज़ारी करने वाले पांच लोगों को हिरासत में लिया है. उन्होंने भी गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की थी.