
रामभक्त हनुमान की जाति और धर्म को लेकर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेताओं के तरफ की जा रही बयानबाजी पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है. उन्होंने कहा है कि हिंदू देवता पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के अन्य नेताओं के साथ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और अखाड़ा परिषद जैसे संगठनों को कोई भी संबंध नहीं रखना चाहिए और इन नेताओं का सार्वजनिक तौर पर तिरस्कार किया जाना चाहिए.
राज्यसभा में कांग्रेस के सांसद और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि हनुमानजी को लेकर अनर्गल बहस की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजरंग बली को दलित कहकर की थी. इसके बाद बीजेपी के अन्य नेताओं ने बजरंग बली को मुसलमान और जाट भी बता दिया. उन्होंने कहा कि हम हनुमानजी को भगवान शंकर का अवतार मानते हैं. लेकिन बीजेपी के नेता हनुमानजी को भी जाति-धर्म के मामले में घसीट रहे हैं. आखिर ये नेता किस धर्म का पालन कर रहे हैं?
दिग्विजय सिंह ने मांग की योगी आदित्यनाथ और बीजेपी के अन्य नेताओं को भगवान हनुमान पर अपने आपत्तिजनक बयानों के लिये माफी मांगनी चाहिए. इसके साथ ही, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद और अखाड़ा परिषद जैसे संगठनों को इन नेताओं का सार्वजनिक रूप से बहिष्कार व तिरस्कार करना चाहिए.
गौरतलब है कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनावों में राजस्थान के अलवर जिले में प्रचार के दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हनुमान को दलित, वनवासी कहा था. जिसके बाद बीजेपी के तमाम नेताओं ने भगवान हनुमान का अलग अलग तौर पर वर्णन किया. वहीं केंद्रीय मंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा था कि हनुमान जी आर्य थे, उस समय कोई और जाति नहीं थी, इसलिए हनुमान जी आर्य जाति के महापुरुष थे. वहीं, यूपी सरकार में मंत्री लक्ष्मीनारायण चौधरी ने हनुमान को जाट बता दिया. तो वहीं बीजेपी के एमएलसी बुक्कल नबाव ने कह डाला कि हनुमान मुसलमान थें.