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मध्य प्रदेश: 'नारियल' की मदद से 'प्लास्टिक' खत्म कर रहा है भोपाल नगर निगम

नारियल के खोल में पौधे रोपने के बाद जब पौधों से होता हुआ पानी मिट्टी में मिलता है तो इससे खोल गीला बना रहता है और धीरे-धीरे खाद में बदल जाता है.जिससे पौधों को पोषण मिलता है, वहीं पर्यावरण में हजारों टन प्लास्टिक मिलने से बच जाता है.

नारियल के खोल में पौधे का रोपन नारियल के खोल में पौधे का रोपन
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 02 अक्टूबर 2019,
  • अपडेटेड 11:49 PM IST

  • भोपाल नगर निगम की अनूठी पहल आई सामने
  • 30 हजार किलो प्लास्टिक पर्यावरण में मिलने से रोका

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2 अक्टूबर से सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की अपील के साथ भोपाल नगर निगम जुड़ गया है. नगर निगम में प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम किए जाने की शुरुआत हो गयी है और इसके लिए बेहद ही अनोखा तरीका अपनाया गया है.

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पीएम मोदी की सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन की मुहिम को अब भोपाल का भी साथ मिला है. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में भी नगर निगम ने प्लास्टिक के इस्तेमाल को कम करने की शुरुआत कर दी है. इसके लिए निगम ने अपनी पौधों की नर्सरी में प्लास्टिक को धीरे-धीरे खत्म करके इसकी शुरुआत की है. यहां नर्सरी में अब पौधे नारियल के खोल में रोपे जा रहे हैं जो इससे पहले काले रंग की प्लास्टिक बैग में लगते रहे हैं.

क्या है पीएम का पायलट प्रोजेक्ट

दरअसल मई 2019 में निगम ने बतौर पायलट प्रोजेक्ट इसकी शुरुआत की थी लेकिन पीएम की अपील के बाद अब इसमें तेजी लाई गई है. दरअसल निगम कमिश्नर विजय दत्ता के सुझाव पर ये प्रोजेक्ट शुरू किया गया. इसमें नारियल पानी के ठेलों से नारियल के खाली खोल को जमा किया जाता है और बाद में इनमें पौधे रोपे जाते हैं.

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नारियल के खोल में पौधे रोपने के बाद जब पौधों से होता हुआ पानी मिट्टी में मिलता है तो इससे खोल गीला बना रहता है और धीरे-धीरे खाद में बदल जाता है जिससे पौधों को पोषण मिलता है वहीं पर्यावरण में हजारों टन प्लास्टिक मिलने से बच जाता है.

नारियल के खोल में पौधे का रोपन

भोपाल के मेयर आलोक शर्मा ने 'आजतक' से बात करते हुए बताया कि भोपाल नगर निगम हर साल करीब 30 लाख रुपये की लागत से प्लास्टिक खरीदता है जिनमें पौधे रोपे जाते हैं. अब नारियल के खोल में पौधे लगाने का प्रोजेक्ट जब पूरी तरह से लागू हो जाएगा तब करीब 30 हजार किलो प्लास्टिक पर्यावरण में मिलने से रोका जा सकेगा. वहीं रुपयों की भी बचत होगी.

फिलहाल भोपाल की किलोल नर्सरी में इसकी शुरुआत कर दी गयी है जहां धीरे-धीरे प्लस्टिक से निकाल कर पौधों को नारियल के खोल में रोपा जा रहा है हालांकि अभी पूरी तरह से प्लास्टिक खत्म होने में वक्त लगेगा लेकिन निगम कमिश्नर को इस बात की खुशी है कि निगम ने इन ओर अपने कदम बढ़ा तो लिए ही हैं.

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