
श्योपुर के कांग्रेस विधायक बाबू जंडेल और उनके साथ 14 और लोगों को भोपाल की विशेष अदालत ने जेल भेज दिया. दरअसल बाबू जंडेल को श्योपुर की निचली अदालत ने मारपीट के एक मामले में एक साल की जेल की सजा सुनाई थी. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत अब हर राज्य की राजधानी में जनप्रतिनिधियों के लिए स्पेशल कोर्ट होती है लिहाजा बाबू जंडेल के केस की सुनवाई भोपाल की स्पेशल कोर्ट में चल रही थी.
बुधवार को स्पेशल कोर्ट ने बाबू जंडेल और अन्य के खिलाफ निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा और बाबू जंडेल के वकील द्वारा दायर की गई अपील को खारिज कर दिया. आजतक से फोन पर बात करते हुए जंडेल के वकील संतोष मीणा ने बताया कि वो गुरुवार को स्पेशल कोर्ट के फैसले के खिलाफ हाई कोर्ट जाएंगे और जमानत की मांग रखेंगे.
बता दें कि बाबू जंडेल जिस मारपीट के मामले में जेल गए हैं वो मामला आज से करीब 11 साल पुराना है. 1 जनवरी 2008 को श्योपुर में चंबल नहर की 12 एल ब्रांच पर सिंचाई के लिए गेट खुलवाने को लेकर सिंचाई विभाग के सब इंजीनियर और विधायक बाबू जंडेल का विवाद हो गया था और विधायक ने अपने समर्थकों के साथ मिलकर सिंचाई अफसर की मारपीट कर दी थी. इसके बाद जबरदस्ती नहर का गेट भी खोल दिया था.
घटना के समय बाबू जंडेल जिला पंचायत के अध्यक्ष थे. उस वक्त पुलिस ने जंडेल के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा, शासकीय सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाने और मारपीट की धाराएं लगाई गई थीं. कई साल तक स्थानीय अदालत में केस चलने के बाद इसी साल मामले को भोपाल की विशेष अदालत में भेजा गया था जहां विशेष अदालत ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा.