
कोरोना वायरस की महामारी देश में कहर बरपा रही है. इस महामारी से महाराष्ट्र सर्वाधिक प्रभावित राज्य है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शिवसेना के मुखपत्र सामना को दिए इंटरव्यू में लॉकडाउन हटाने को लेकर भी बेबाकी से अपनी बात रखी है, तो साथ ही विपक्ष को भी राजनीतिक उत्सव न मनाने की नसीहत दी है.
उद्धव ठाकरे ने कहा है कि प्रदेश में हालत अब सुधर रही है. लेकिन लापरवाही से काम नहीं चलेगा. उन्होंने साफ कहा कि जो लोग यह कह रहे हैं कि लॉकडाउन हटा दो, सब खोल दो. कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो यह सवाल पूछ रहे हैं कि लॉकडाउन से क्या हासिल हुआ? इसने आर्थिक संकट को जन्म दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोगों को बताना चाहता हूं कि लॉकडाउन खोलने को तैयार हूं. अगर लोग मरते हैं, तो क्या वे जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार हैं?
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उन्होंने कहा कि मैं ट्रंप नहीं हूं. अपनी आंखों के सामने लोगों को मरते नहीं देख सकता. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी भी लॉकडाउन हटाने जैसे शब्द का उपयोग नहीं करता. हम धीरे-धीरे सब खोल रहे हैं. उन्होंने साफ कहा कि हम केवल अर्थव्यवस्था या स्वास्थ्य की नहीं सोच सकते. हमें दोनों को बराबर सोचना होगा.कोरोना कमांडोज़ का हौसला बढ़ाएं और उन्हें शुक्रिया कहें...
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मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सवाल किया कि आखिर वे हर चीज दिल्ली के लिए ही क्यों करते हैं? उन्होंने तंज करते हुए कहा कि लोग मुझपर भरोसा करते हैं, हाल ही में एक संगठन ने मुझे देश के सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्रियों में से एक चुना है. शायद इस वजह से उनके पेट में दर्द हो रहा हो. घर से ना निकलने के आरोपों पर उद्धव ठाकरे ने कहा है कि घर में बैठे-बैठे ही तकनीकी का उपयोग कर हर जगह चला गया. लॉकडाउन के दौरान तकनीकी का अधिकतम उपयोग किया.