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MP: यूकेलिप्टस के पत्ते और लकड़ी खाकर भूख मिटाता है ये शख्स

शहडोल में एक बुजुर्ग शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए यूकेलिप्टस के पत्ते और लकड़ी खाता है. 55 साल के भूरा यादव की इस अजीब आदत को देखकर हर कोई हैरान है. भूरा का कहना है कि पत्ते और लकड़ी खाने ने उन्हें अब तक कोई परेशानी नहीं हुई है.

यूकेलिप्टस के पत्ते और लकड़ी खाकर भूख मिटाता है ये शख्स यूकेलिप्टस के पत्ते और लकड़ी खाकर भूख मिटाता है ये शख्स
रावेंद्र शुक्ला
  • शहडोल,
  • 26 नवंबर 2021,
  • अपडेटेड 4:27 PM IST
  • भूख लगने पर लकड़ी और पत्ते खाता है शख्स
  • लकड़ी और पत्ते खाने से वह बीमार नहीं पड़ा

मध्य प्रदेश के शहडोल में एक बुजुर्ग शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए यूकेलिप्टस के पत्ते और लकड़ी खाता है. शहडोल के करकटी गांव में रहने वाले भूरा यादव पिछले 10 सालों से यूकेलिप्टस के पत्ते और लकड़ी खा रहे हैं. 55 साल के भूरा यादव की इस अजीब आदत को देखकर हर कोई हैरान है. भूरा का कहना है कि पत्ते और लकड़ी खाने ने उन्हें अब तक कोई परेशानी नहीं हुई है, न ही इसके कोई साइड इफेक्ट देखने को मिले हैं.

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लकड़ी और पत्ते खाकर भूख मिटाता है शख्स 

यूकेलिप्टस के पत्ते और लकड़ी के अलावा भूरा यादव खाना और फल भी खाते हैं. लेकिन वो अब तक इसके कारण बीमार नहीं पड़े हैं. भूरा ने बताया कि लकड़ी और पत्ते खाने की आदत उन्हें जंगल में पड़ी. वो जंगल में मवेशी चराने जाते थे और भूख लगने के दौरान खेल-खेल में लकड़ी और पत्ते खाने लगते थे. ऐसे ये उन्हें आदत पढ़ गई. तब से वो ऐसा कर अपनी भूख मिटा लेते हैं. भूरा ने बताया कि वो किसी भी समय लकड़ी और पत्ते खा लेते हैं. 

भूरा यादव मुख्य रूप से यूकेलिप्टिस की पत्तियां खाते हैं. अब तक उनके शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं पड़ा है. आधी उम्र पार करने बाद भी वो पूरी तरह से फिट हैं. लोग दूर- दूर से भूरा यादव से मिलने आते हैं और उनकी इस अनोखी आदत के बारे में जानकारी हासिल करते हैं. 

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लकड़ी और पत्ते खाने नहीं पड़े हैं बीमार 

इस पर डॉक्टर राजेश पांडेय ने बताया कि यह पर्वर्टेड टेस्ट कहलाता है. ये एक तरह की मानसिक बीमारी है. जिसकी वजह से शख्स ऐसी हरकत करता है. लकड़ी और पत्ते खाने से उसे कई तरह की बीमारी हो सकती है. क्योंकि इनमें  किसी तरह का कोई पोषक तत्व नहीं होता है. वो लंबे समय से ये खा रहे हैं जिसकी वजह से उन्हें इसकी आदत पड़ गई है, उन्हें मनोचिकित्सक डॉक्टर के पास जाना चाहिए. 

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