
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्य में गौ मंत्रालय खोलने की बड़ी घोषणा की है. इसके साथ ही सीएम शिवराज ने नए गौ-अभ्यारण और गौशालाएं भी शुरू करने पर जोर दिया है. लेकिन प्रदेश में गायें फिलहाल किन हालातों में रह रही हैं और पहले से मौजूद एशिया के पहले गौ-अभ्यारण का क्या हाल है? जब इसकी तस्वीर आजतक के कैमरे में कैद हुई तो उसे देख आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे. आजतक की एक्सक्लूसिव रिपोर्ट में आप भी पढ़िए गाय प्रेमी शिवराज के राज में क्या है गायों का हाल?
चुनावी साल में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का गाय प्रेम जाग उठा है. तभी तो उन्होंने प्रदेश में गौ मंत्रालय बनाने की घोषणा की है. गौ मंत्रालय जब बनेगा तब बनेगा! लेकिन शिवराज जी क्या आप जानते हैं कि आपके प्रदेश में गौ-वंश किन हालातों में रहने को मजबूर है या कैसे यही गायें बे-वक्त मौत के मुंह में जा रही हैं?
जिन गायों के नाम पर बीजेपी और कांग्रेस चुनाव में वोट मांगने जा रही है, वही गाय मध्यप्रदेश की सड़कों पर घंटों घायल पड़े तड़प-तड़प कर मर रही हैं. क्योंकि इनके रहने के लिए गौशालाओं में जगह नहीं है और मजबूरी में इन्हे सड़कों पर या सड़क किनारे जहां कहीं भी जगह मिल रही है, ये झुंड के झुंड में वहां इकट्ठा हो रही हैं. वहीं सड़कों पर दौड़ती तेज रफ्तार गाड़ियां बड़ी संख्या में इन्हें अपना शिकार बना रही हैं.
'आजतक' आपको बताएगा कि कैसे सड़कों पर मरती इन गायों पर भी मध्यप्रदेश में राजनीति हो रही है. क्योंकि बीते 15 सालों से प्रदेश की सत्ता पर काबिज बीजेपी इसके लिए 15 साल पहले की कांग्रेस सरकार को दोष दे रही है. शिवराज सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने सड़कों पर बड़ी संख्या में गायों के मरने का ठीकरा मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पर फोड़ा है. सारंग ने कहा कि ''मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने चरनोई भूमि को खत्म कर निजी लोगों को बेची है. जिससे गौवंश सड़कों पर आ गया और वाहन चालक के साथ-साथ गायें भी दुर्घटना का शिकार हो रही हैं.''
लेकिन मुद्दा सिर्फ सड़कों पर मरती इन गायों का ही नही है. शिवराज सिंह ने गौ अभ्यारण भी बनाने की घोषणा की है. लेकिन जब मुख्यमंत्री नए गौ अभ्यारण की घोषणा कर रहे थें उसी वक्त मध्यप्रदेश के पहले और एशिया के सबसे बड़े गौ अभ्यारण में चारा ना मिलने से गायें मर रही थीं.
मध्यप्रदेश के आगर में बने इस गौ अभ्यारण के डॉक्टर जे.एस. सागर के मुताबिक यहां रोजाना 300 क्विंटल भूसे की ज़रूरत होती है. लेकिन फंड की कमी के कारण चारा नही आ रहा है और गाय भूखी मर रही हैं. डॉक्टर के मुताबिक हर हफ्ते यहां 4-5 गाय दम तोड़ रही हैं. डॉक्टर सागर ने बड़ा खुलासा करते हुए बताया कि ''अभयारण में फिलहाल 2 डॉक्टर है और जो गायें बीमार रहती है उनका उपचार करते हैं. डॉक्टर सागर ने बताया कि अभ्यारण को बने फिलहाल एक साल पूरा हुआ है और हर हफ्ते 4-5 गायें मर जाती हैं. वहीं, जिन गोदामों को चारे से भरा हुआ होना चाहिए था वहां तिल भर भी चारा नही है. भूसा रखने के लिए 10 गोदाम बनाये गए हैं लेकिन सभी खाली पड़े हैं.''
कांग्रेस का बीजेपी पर हमला
विधानसभा चुनाव में बीजेपी के साथ साथ कांग्रेस ने भी गाय को मुद्दा बनाया है लिहाजा गायों की मौत पर कांग्रेस हमलावर है और सरकार से जवाब मांग रही है. कांग्रेस की प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि बीजेपी को गाय से प्रेम नही है, बल्कि चुनाव में गाय की पूंछ पकड़ कर सत्ता पाना ही उसका लक्ष्य है.