
कोरोना संकट के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी (Remdesivir Black marketing) के आरोप में एमपी पुलिस ने एक शख्स को पूछताछ के लिए बुलाया है. ये शख्स एमपी सरकार के कैबिनेट मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी की कार का ड्राइवर है. इंदौर पुलिस ने फर्जी रेमेडिसविर इंजेक्शन घोटाले में मंत्री तुलसीराम सिलावट की पत्नी के ड्राइवर को तलब किया है.
पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी पुनीत अग्रवाल नकली रेमेडिसविर इंजेक्शन बेचते हुए पकड़ा गया था. उसने पूछताछ के दौरान खुलासा किया है कि उसे कुछ इंजेक्शन गोविंद नाम के शख्स से मिले थे. गोविंद कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट की पत्नी का ड्राइवर है. पुलिस ने आगे कहा कि गोविंद से पूछताछ की जाएगी क्योंकि मुख्य आरोपी द्वारा किए गए खुलासे को सत्यापित करने और क्रॉस चेक करने की आवश्यकता है. ये दोनों एक ही कंपनी के लिए काम करते हैं.
बताया जा रहा है कि आरोपी पुनीत और ड्राइवर गोविंद दोनों Impetus ट्रैवल एजेंसी के लिए काम करते हैं. ये एजेंसी कई सरकारी विभागों को ड्राइवरों और वाहनों की आपूर्ति करती है.
एक अन्य घटनाक्रम में जबलपुर पुलिस ने सबूत छिपाने की कोशिश करने के आरोप में विश्व हिंदू परिषद के नेता सरबजीत सिंह मोखा की पत्नी को गिरफ्तार किया है. जबलपुर के अतिरिक्त एसपी रोहित कासवानी ने कहा कि मोखा को पहले अपने अस्पताल में मरीजों को नकली इंजेक्शन बेचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था.
सरबजीत मोखा की पत्नी जसमीत मोखा और उनके अस्पताल के प्रशासक सोनिया खत्री को अदालत के आदेश के बाद गिरफ्तार किया गया. रेमेडिसविर केस दोनों से महत्वपूर्ण सबूतों का पता लगाने के लिए पूछताछ होगी.