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मध्य प्रदेश में एक और किसान की आत्महत्या, 11 दिन में 11वीं मौत

ग्राम रामपुरा निवासी भारत मोरी ने कर्ज से परेशान होकर आत्म हत्या कर ली. जमीन मृतक के पिता के नाम पर है और उस पर बैंक का लोन था. कर्ज नहीं भरने से परेशान होकर उसने दोपहर में कीटनाशक दवाई पी ली जिससे उसकी मौत हो गई.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 17 जून 2017,
  • अपडेटेड 3:00 PM IST

पश्चिम मध्यप्रदेश के धार जिले में शुक्रवार को एक और किसान के कीटनाशक दवाई पीकर आत्म हत्या करने का मामला सामने आया है. ग्राम रामपुरा निवासी भारत मोरी ने कर्ज से परेशान होकर आत्म हत्या कर ली. जमीन मृतक के पिता के नाम पर है और उस पर बैंक का लोन था. कर्ज नहीं भरने से परेशान होकर उसने दोपहर में कीटनाशक दवाई पी ली जिससे उसकी मौत हो गई.

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परिजनों का आरोप है कि कर्ज से परेशान होकर उसने आत्म हत्या की है. इधर पुलिस इस मामले को पारिवारिक विवाद बता रही है. पुलिस अधीक्षक बीरेन्द्रसिंह ने बताया कि मृतक जगदीश के नाम से कोई जमीन नहीं थी. वह शराब का आदि था. इसी बात के लेकर कल परिवार में विवाद भी हुआ था.

बता दें कि बीते 6 जून के बाद से किसान आत्महत्या की कुल 11वीं घटना है. शुक्रवार को ही राज्य में 75 वर्षीय खाजू खान और 25 वर्षीय मुकेश नाम के किसान खुदकुशी कर ली थी. बताया जाता है कि ये किसान कर्ज के बोझ से परेशान थे और इसी कारण जहर खाकर जान दे दी.

इससे पहले बुधवार देर शाम भी नर्मदा प्रसाद नामक किसान ने होशंगाबाद में अपनी जान दे दी. उन्होंने बुधवार को ही 50,000 रुपये की मूंगदाल भी बेची थी. परिजनों की मानें, तो जिनसे नर्मदा प्रसाद ने कर्ज लिया है वह उसका ट्रैक्टर और पैसे भी ले गए हैं.

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बता दें कि जिले के बालाघाट थाना अंतर्गत बल्लारपुर निवासी लगभग 40 से 42 वर्षीय किसान ने कर्ज से परेशान होकर जहर खा लिया था. जिसकी जिला अस्पताल में मौत हो गई. बताया जाता है कि किसान रमेश बसेने पर सोसायटी का लगभग डेढ़ से दो लाख रुपए कर्ज था. हालांकि किसान रमेश पर यह कर्ज पुराना था, जो उसने खाद और अन्य कृषि जरूरतों के लिए लिया था. बुधवार सुबह किसान रमेश अपने चाचा तुलसीराम के घर गया था जहां उसने चर्चा में चाचा को कर्ज से परेशानी वाली बात बताई थी. बताया जाता है कि किसान पर खेती के लिए कर्ज नहीं जमा हो पाने के चलते उसे बैंक के माध्यम से नोटिस दिया जा रहा था.

सुबह खेत से लगभग 9 बजे जब वह घर लौटा तो घर में उसकी हालत बिगड़ने से परिजन उसे जिला अस्पताल लेकर आये थे जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. चाचा तुलसीराम और पत्नी जानकीबाई ने बताया है कि रमेश कर्ज के कारण मानसिक रूप से परेशान था. जिसके चलते वह शराब भी पीने लगा था. हालांकि अब तक कर्ज से किसान की मौत की पुष्टि प्रशासन ने नहीं की है.

खेत किसान कांग्रेस अध्यक्ष सुकदेव मुनि कुतराहे ने कहा कि किसान रमेश की मौत की वजह उसका कर्ज था जिसके लिए उसे नोटिस आ रहे थे. जिससे परेशान किसान रमेश ने आज खेत में जहर खा लिया जिसके चलते अस्पताल में उसकी मौत हो गई. दूसरी ओर बताया जा रहा है कि किसान रमेश लगातार शराब पी रहा था. संभवत इसी के चलते उसने जहरीली दवा खा ली. परिजनों की मानें तो किसान रमेश ने कर्ज से परेशान होकर जहर खाकर जान दे दी.

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बता दें कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान बुधवार को मंदसौर के बड़वन गांव पहुंचे थे. शिवराज ने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. परिवारजनों ने सीएम के सामने इंसाफ की मांग रखी थी.

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