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किसान आंदोलन: उमा भारती बोलीं- किसानों का आक्रोश सही, लंबे वक्त से हो रही उपेक्षा

दिल्ली-एनसीआर इलाके में जारी किसानों के प्रदर्शन पर उमा भारती ने टिप्पणी की है. उन्होंने किसानों के गुस्से को सही बताया है, लेकिन उनसे सरकार की बात मानने को भी कहा है.

बीजेपी नेता उमा भारती (फाइल) बीजेपी नेता उमा भारती (फाइल)
अशोक शर्मा
  • दतिया,
  • 01 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 1:27 PM IST
  • किसानों के प्रदर्शन पर उमा भारती का बयान
  • किसानों का आक्रोश जायज: उमा भारती
  • सरकार की बात मान लें किसान: उमा

किसानों के द्वारा दिल्ली और आसपास के इलाकों में पिछले काफी दिनों से प्रदर्शन जारी है. पूर्व केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी की नेता उमा भारती ने भी किसानों को लेकर कहा कि उनका गुस्सा जायज है, लेकिन सरकार उनकी बात मानने को तैयार हैं. किसानों को सरकार से शांति से बात करनी चाहिए और केंद्र को मौका देना चाहिए.

सोमवार को मध्य प्रदेश के दतिया में उमा भारती ने किसान आंदोलन पर बात की. उन्होंने कहा कि किसानों का गुस्सा जायज है क्योंकि किसानों की लम्बे समय से उपेक्षा होती रही है. किसानों की जो भी समस्याएं हैं, केंद्र के लोगों के संग बैठकर अपनी बात रखनी चाहिए.

उमा भारती ने कहा कि किसानों की मांगें काफी कम होती हैं, ऐसे में उनका निपटारा किया जा सकता है. लेकिन किसानों को सरकार की बात सुननी चाहिए, इस तरह किसी को कष्ट नहीं देना चाहिए. अगर कुछ ही किसान जाकर केंद्र से बात करेंगे तो मुश्किल का हल निकल जाएगा. हमारे देश में किसान को कर्जदार नहीं कर्ज देने वाला होना चाहिए.

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आपको बता दें कि पिछले करीब एक हफ्ते से दिल्ली-एनसीआर इलाके में किसानों का हल्ला बोल जारी है. ऐसे में बीजेपी के किसी बड़े नेता का इस तरह बयान पहली बार आया है. 

हालांकि, केंद्र सरकार की ओर से लगातार किसानों से बात करने की कोशिश की जा रही है. मंगलवार दोपहर को तीन बजे केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अगुवाई में किसानों के प्रतिधिनियों के साथ मंथन होगा. करीब 30 से अधिक किसान संगठन केंद्र सरकार के साथ चर्चा करेंगे. 

किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार MSP को कानून का हिस्सा बनाए और इससे कम दाम देने वाले को सजा होने का प्रावधान करे. जबकि सरकार भरोसा दिला रही है कि MSP कभी खत्म नहीं होगी और मंडी सिस्टम भी जारी रहेगा. लेकिन किसान इन मुद्दों को कानून का हिस्सा बनाने पर अड़े हैं.

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