
मध्य प्रदेश में प्याज अब किसानों के आंसू निकाल रही है. बंपर पैदावार से मंडियों में किसान को उचित कीमत नहीं मिल रही है, ऊपर से सरकार ने प्याज खरीदनी बंद की तो किसानों की आंखों से आंसू निकलने लगे. ऐसे में 28 नवंबर को होने वाले मतदान में मध्य प्रदेश के किसान शिवराज सरकार को भी प्याज के आंसू रूला सकते हैं.
फसल बर्बाद हो या बंपर पैदावार, किसान बेहाल
छिंदवाड़ा के आस-पास जिलों से सैकड़ों किसान हजारों क्विंटल प्याज और लहसुन की खेप मंडी में लेकर आ रहे हैं. इस बार प्याज और लहसुन की बंपर फसल हुई है लेकिन किसान तब भी रो रहा है. जब मौसम की मार फसल खराब कर देती है तो तब भी नुकसान उठाता है. अब ज्यादा पैदावार है तो इस बार मंडी में कीमत ही नहीं मिल रही है. सरकार प्याज खरीद नहीं रही है, इसलिए छिंदवाड़ा के किसान बिचौलिए और ठेकेदारों के सहारे हैं.
सरकार की बेरुखी से खेती छोड़ देंगे किसान
रामकुमार ऐसे ही किसान हैं जो 2000 किलो प्याज मंडी में लेकर आए हैं, आजतक से बातचीत में किसान राम कुमार ने कहा, प्याज की कीमत 608 रुपये प्रति किलो तक गिर गई है, ऐसे में फसल का खर्च मेहनत और आने-जाने का खर्च मिला लें तो फायदे के नाम पर कुछ नहीं बचता. राम कुमार जैसे मंडी में ऐसे कई लोग हैं, जिनका कहना है कि सरकार की बेरुखी और गिरती कीमत से किसान किसानी ही छोड़ देंगे. राम कुमार कहते हैं कि अगर ऐसी स्थिति रही तो हम खेती कैसे करेंगे.
सरकार की योजनाओं से बढ़ा उत्पादन
हालांकि छिंदवाड़ा शहर की मंडी के अध्यक्ष विजय वागड़ी का कहना है कि इस साल उत्पादन ज्यादा होने के चलते कीमत कम हो गई है. मंडी के अध्यक्ष का कहना है कि सरकार की योजनाओं के चलते किसान को 24 घंटे बिजली मिल रही है, इसलिए बंपर उत्पादन हो रहा है और अगर उत्पादन ज्यादा होगा तो कीमत गिरेगी.
राज्य में कांग्रेस की सरकार बनवा सकते हैं किसान
सुशील कुमार का कहना है कि शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश में अच्छा काम किया लेकिन किसानों के बीच कई मुद्दों को लेकर ऐसी नाराजगी है. जिसके चलते इस बार किसान बदलाव के लिए भी वोट डाल सकते हैं. उनका कहना है कि कांग्रेस ने किसानों का कर्ज माफी के साथ-साथ कई घोषणाएं की हैं. ऐसे में किसान इस बार मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में परिवर्तन कर सकते हैं. लेकिन वह यह भी चेतावनी देते हैं कि अगर कांग्रेस ने किसानों से किया वादा पूरा नहीं किया तो 4 महीने बाद लोकसभा चुनाव में किसान कांग्रेस को बुरी तरह हराएंगे.
मक्का की फसल पर सरकार का बोनस
सिर्फ प्याज ही नहीं छिंदवाड़ा में इस बार मक्का की भी बंपर पैदावार हुई है. छिंदवाड़ा को कॉर्न सिटी यानी मक्का का शहर भी कहा जाता है. छिंदवाड़ा की मंडी में हजारों बोरियां फैली हैं, पैदावार इतनी है कि मंडी में रखने के लिए जगह भी नहीं है. सरकार भी मक्का नहीं खरीद रही है, इसलिए किसान सिर्फ दूसरे राज्यों से आने वाले ठेकेदारों और सेठों के सहारे बैठे हैं. हालांकि शिवराज सरकार द्वारा मक्का पर 500 रुपये प्रति क्विंटल का अतिरिक्त बोनस या भावांतर की योजना का फायदा किसानों को मिल रहा है.
सुशील कुमार 200 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से मक्का लेकर मंडी में 2 दिन से बिकने का इंतजार कर रहे हैं. कह रहे हैं कि 100 रुपये प्रति क्विंटल की कीमत में किसानों को लागत भी नहीं मिलेगी. लेकिन सरकार द्वारा 500 रुपये प्रति क्विंटल का भावांतर मिलने से घाटा होने से बचा जा रहा है. सुशील का कहना है कि किसान के साथ हर बार यही समस्या है. जब सरकार नहीं खरीद रही तो ठेकेदारों को ओने पौने दाम में अनाज बेचना पड़ता है. लेकिन शिवराज सरकार द्वारा भावांतर दिए जाने से नुकसान होने से बच गया.
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