
हनीट्रैप केस में मध्य प्रदेश की कमलनाथ सरकार को झटका लगा है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने सरकार से जांच की रिपोर्ट मांगी है.
हाईकोर्ट की बेंच ने सरकार से कहा है कि अब तक की जांच की रिपोर्ट 21 अक्टूबर को बंद लिफाफे में दें. कोर्ट ने सरकार से यह भी पूछा है कि एसआईटी प्रमुखों को लगातार अंतराल पर क्यों बदला गया.
वहीं हाल ही में मध्य प्रदेश के बहुचर्चित हनीट्रैप केस में एक बार फिर एसआईटी चीफ को बदल दिया गया है. अब राजेंद्र कुमार को एसआईटी प्रमुख बनाया गया है. डीजीपी पर सवाल उठाने वाले साइबर सेल के डीजीपी का भी तबादला कर दिया गया है. नई टीम में मिलिंद कंसकर और रुचि वर्धन को सदस्य बनाया गया है. संजीव शमी को हनीट्रैप मामले की जांच करने की जिम्मेदारी दी गई थी लेकिन उन्हें एसआईटी प्रमुख के पद से हटा दिया गया है.
क्या है मामला
हनीट्रैप-2 गिरोह का सदस्य दीपांकर ग्राहकों को ढूंढकर कॉलगर्ल्स नीपा और रिवाना से पहले जिस्मफरोशी कराता था और बदले में ग्राहकों से कैश लेता था. इसके बाद उन्हीं ग्राहकों को नीपा से फोन कराया जाता और पुलिस से शिकायत करने का डर दिखाकर तीन से चार लाख रुपये तक की रकम वसूली जाती थी.
इस मामले में भोपाल पुलिस ने 24 सितंबर को दो युवतियों और दो युवकों को गिरफ्तार किया था. दोनों युवतियां कॉलगर्ल्स थीं जो पहले ग्राहक के साथ जाकर एक रात के 10-15 हजार रुपये लेती थीं. इसके बाद गिरोह के पुरुष सदस्य उन्हीं ग्राहकों को फोन करवाकर उन्हें रेप के मुकदमे का डर दिखाकर उनसे लाखों की रकम वसूलते थे.