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भोपाल में रेलवे ने पुराने डिब्बों को मॉडिफाई कर बनाया 'उत्कृष्ट'

मध्य प्रदेश के भोपाल मण्डल में रेलवे के पुराने डिब्बों को मॉडिफाई कर न केवल नया बना दिया है, बल्कि उसमे कई नई सुविधाओं को जोड़ दिया है. अब आपको पुराने ICF डिब्बों को मॉडिफाई कर बनाये गए 'उत्कृष्ट कोच' ही दिखाई देंगे.

ICF डिब्बों को मॉडिफाई किया गया ICF डिब्बों को मॉडिफाई किया गया
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 28 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 3:34 AM IST

भारतीय रेल में बदलाव की प्रक्रिया में एक और नया अध्याय जुड़ गया है. मध्य प्रदेश के भोपाल मण्डल में रेलवे के पुराने डिब्बों को मॉडिफाई कर ना केवल नया बना दिया है, बल्कि उसमे कई नई सुविधाओं को जोड़ दिया है. दरअसल भोपाल से प्रतापगढ़ के बीच चलने वाली ट्रेन में अब आपको पुराने ICF डिब्बों को मॉडिफाई कर बनाये गए 'उत्कृष्ट कोच' ही दिखाई देंगे.

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कुल 21 डिब्बों वाली इस ट्रेन में सभी पुराने डिब्बों को मॉडिफाई करके उत्कृष्ट बना दिया गया है, जो बेहतरीन सुविधाएं और इंटीरियर से लैस है. पहली नज़र में देख कर लगता नहीं कि ये डिब्बे पुराने ICF डिब्बे हैं, क्योंकि बाहर से इनको नए लाल और क्रीम के रंग में रंगा गया है. डिब्बों के अंदर दीवारों पर आकर्षक कारपेटिंग की गई है, जो नयेपन का अहसास दिलाती है. एयर कंडीशन कोच में सुविधाओं को बढ़ाने के साथ इस बात का ध्यान रखा गया है कि स्लीपर कोच में सफर करने वाले भी आरामदायक सफर कर सकें और इसलिए स्लीपर कोच में एलईडी लाइटों के अलावा दीवारों पर पेंटिंग और शौचालयों के बाहर गलियारों में सिंथेटिक कारपेट लगाया गया है.

दृष्टिहीन भी ढूंढ सकेंगे अपनी सीट

उत्कृष्ट कोच के गेट से लेकर सीटों पर ब्रेल लिपि में संकेतों को उकेरा गया है ताकि दृष्टिहीन यात्री अपना कोच भी ढूंढ सके और इसके बाद बिना किसी के मदद के अपनी बर्थ तक पहुंच सके. इसके अलावा कोच के अंदर एलईडी बर्थ इंडिकेटर लगाए गए हैं, जो सीट नम्बर बताने के साथ ही नाइट लैंप का भी काम करेंगे.

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बायो शौचालय में सेंसर

ट्रेनों में मौजूद शौचालयों में साफ सफाई से जुड़ी शिकायतों के मिलने के बाद उत्कृष्ट कोच में इसका खास ध्यान रखा गया है कि शौचालय और उसके आस पास की जगह में गंदगी ना रहे और इसलिए इन उत्कृष्ट कोच के शौचालयों में सेंसर लगाए गए हैं, जो शौचालय का दरवाजा खुलते ही एक्टिव हो जाएगा और शौचालय इस्तेमाल को लेकर ज़रूरी दिशा निर्देशों को बताएगा. इसके साथ ही शौचालय के अंदर और बाहर सिंथेटिक कार्पेट लगाए गए है ताकि पानी ना भरे और फिसलन ना हो. इसके अलावा शौचालयों का बाहर गुलदस्ते लगाए गए हैं. इसके अलावा वाशबेसिन में भी नए तरीके के नल लगाए गए हैं जो पुराने तरह के पुश करने वाले नलों से बेहतर हैं.

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