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पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज: MP के वोटरों की बंटी राय से शिवराज की चुनावी डगर अनिश्चित

इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) से निष्कर्ष सामने आया है कि  63% मुस्लिम वोटर मध्य प्रदेश में सत्ता परिवर्तन चाहते हैं तो वहीं, 25% सरकार के साथ हैं. ST वोटरों में 43% शिवराज के साथ हैं तो 41% ख‍िलाफ नजर आए. मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को मतदानहोना है.

शिवराज सिंह चौहान (Photo: PTI) शिवराज सिंह चौहान (Photo: PTI)
खुशदीप सहगल/श्याम सुंदर गोयल
  • नई द‍िल्ली,
  • 23 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 9:02 AM IST

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए सिर्फ 5 दिन ही बचे हैं. ऐसे में इंडिया टुडे के पॉलिटिकल स्टॉक एक्सचेंज (PSE) से निष्कर्ष सामने आया है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का परंपरागत वोट बैंक उनके साथ डटा हुआ है.

हालांकि गैर परंपरागत वोटर ज़रूरमौजूदा सरकार से छिटक रहे हैं. शहरी वोटरों में से 46%  चाहते हैं कि मौजूदा सरकार को ही सत्ता में दोबारा मौका मिले. वहीं PSE सर्वे के मुताबिक 36%  वोटर चाहते हैं कि राज्य में सत्ता में बदलाव हो.

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कृषि से जुड़ी समस्याओं को लेकर राज्य के किसान जरूर बेचैनी वाली पीड़ा में हैं, खास तौर पर मंदसौर ज़िले के किसान. ये स्थिति बीजेपी की संभावनाओं को नुकसान पहुंचा सकती है. जहां तक किसानों की बात है तो PSE सर्वे के मुताबिक 44% चाहते हैं कि मध्य प्रदेशमें सरकार बदलनी चाहिए. वहीं 39% किसान वोटर इसी सरकार को दोबारा मौका देने के पक्ष में हैं. 

बता दें कि मंदसौर में 2017 में किसानों के प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में कम से कम 6 किसानों की मौत हुई थी. PSE सर्वे के दौरान उसी घटना को लेकर किसानों का गुस्सा सामने आया. मंदसौर में किसान अपने उत्पादों का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP)बढ़ाने और कर्जमाफी की मांग कर रहे थे. मंदसौर,  मालवा की राजनीति का भी केंद्र है. 

मुस्लिम समुदाय चौहान सरकार से बेहद नाखुश

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PSE सर्वे में ये भी सामने आया कि मुस्लिम समुदाय भी चौहान सरकार से बेहद नाखुश है. सर्वे में 63% मुस्लिम प्रतिभागियों ने राज्य में सरकार बदले जाने की राय व्यक्त की. वहीं सिर्फ 25%  मुस्लिम प्रतिभागियों ने ही मौजूदा सरकार को दोबारा मौका दिए जाने की बात कही.

संसद में एससी/एसटी एक्ट के प्रावधानों को संशोधन विधेयक के जरिए बहाल किए जाने के मुद्दे ने भी बीजेपी के लिए राज्य में मुश्किल बढ़ाई है. एससी वोटरों में 44% राज्य में सत्ता परिवर्तन चाहते हैं. वहीं, 35% एसएसी प्रतिभागियों ने मौजूदा सरकार को आगे भी मौका दिएजाने के पक्ष में राय व्यक्त की.

जहां तक अनुसूचित जनजाति (ST)वोटरों का सवाल है तो सर्वे में इस समुदाय के 43% वोटरों ने चौहान सरकार का समर्थन किया. वहीं,  41% प्रतिभागियों ने राज्य में सरकार के बदलाव को ज़रूरी बताया.

अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के प्रतिभागियों में सर्वे में 48% वोटरों ने मौजूदा सरकार के कामकाज पर संतोष जताया और उसे ही दोबारा मौका दिए जाने की वकालत की. सर्वे के मुताबिक सिर्फ़ 35% ओबीसी वोटरों ने ही राज्य में सत्ता परिवर्तन की जरूरत जताई.

वोटरों का मानना है कि सत्ता में बदलाव होना चाहिए

अगर क्षेत्रवार PSE का विश्लेषण किया जाए तो सामने आया कि मौजूदा बीजेपी सरकार को भोपाल, मालवा, महाकौशल और निमाड़ के वोटर दोबारा सत्ता में आते देखना चाहते हैं. वहीं, चंबल और बुंदेलखंड के वोटरों का मानना है कि सत्ता में बदलाव होना चाहिए. बघेलखंड के वोटर इससवाल पर कोई स्पष्ट राय नहीं जता सके. मालवा, निमाड़ और भोपाल क्षेत्र को बीजेपी का परंपरागत तौर पर गढ़ माना जाता रहा है. वहीं कांग्रेस के पास चंबल और बुंदेलखंड की कुंजी मानी जाती है.

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मध्य प्रदेश में नतीजे चाकू की धार पर

नवंबर  के पहले हफ्ते में इंडिया टुडे ने रिपोर्ट किया था कि मध्य प्रदेश में नतीजे कैसे चाकू की धार पर हैं. तब सर्वे के 42%  प्रतिभागियों ने मौजूदा बीजेपी सरकार का समर्थन किया था. वहीं 40% प्रतिभागियों ने राज्य में सत्ता परिवर्तन के पक्ष में राय व्यक्त की. PSE सर्वे से ये भी सामने आया कि मुख्यमंत्री चौहान की लोकप्रियता में पिछले दो महीनों में मामूली गिरावट आई है.

मध्य प्रदेश में 28 नवंबर को मतदान होना है. राज्य को मोटे तौर पर 7 क्षेत्रों में बांटा जा सकता है- चंबल (31 सीट), बुंदेलखंड (29), बघेलखंड(30), भोपाल क्षेत्र (20), महाकौशल (47), मालवा (55) और निमाड़ (18). 

भोपाल क्षेत्र में  48 फीसदी प्रतिभागियों ने मौजूदा सरकार को ही आगे मौका मिलने के पक्ष में राय व्यक्त की. वहीं इस क्षेत्र में 36% प्रतिभागियों का कहना था कि राज्य में सरकार बदली जानी चाहिए. 

चंबल में 38% वोटर चौहान सरकार को ही एक और मौका देना चाहते हैं. वहीं इस क्षेत्र में 42% वोटर राज्य की सत्ता में बदलाव चाहते हैं.  

महाकौशल क्षेत्र से सर्वे में बीजेपी के लिए अच्छी खबर है. कांग्रेस का परंपरागत गढ़ माने जाने के बावजूद यहां बीजेपी अच्छा प्रदर्शन करती दिख रही है. यहां 42% वोटर मौजूदा सरकार के पक्ष में हैं वहीं 41% वोटर सत्ता में बदलाव चाहते हैं.

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बघेलखंड में 40% वोटरों ने मौजूदा सरकार को ही दोबारा मौका दिए जाने के पक्ष में राय व्यक्त की. दिलचस्प ये है कि सर्वे में इस क्षेत्र से 40% वोटरों ने ही सत्ता में बदलाव की वकालत की. 

बुंदेलखंड में 41% वोटर मौजूदा सरकार के बदले जाने के पक्ष में दिखे, वहीं 37% ने मौजूदा सरकार को ही दोबारा मौका दिए जाने का समर्थन किया.

मध्य प्रदेश की राजनीति में मालवा-निमाड़ क्षेत्र को राज्य की सत्ता तक पहुंचने की कुंजी माना जाता है. PSE सर्वे में मालवा क्षेत्र से 46%  वोटर मौजूदा बीजेपी सरकार को ही दोबारा सत्ता में आते देखना चाहते हैं. वहीं,  इस क्षेत्र के 41% मतदाता सत्ता में परिवर्तनचाहते हैं. वहीं , निमाड़  में 45%  वोटर मौजूदा सरकार के समर्थन में और 40% सत्ता परिवर्तन के पक्ष में खड़े नजर आए.

अगले मुख्यमंत्री के लिए लोगों की पसंद के संकेत भी मिले

PSE सर्वे में कुछ हफ्ते पहले राज्य में अगले मुख्यमंत्री के लिए लोगों की पसंद के संकेत भी मिले थे. तब 44% वोटरों ने शिवराज सिंह चौहान को ही राज्य के अगले मुख्यमंत्री के तौर पर पहली पसंद बताया था. लेकिन चौहान की लोकप्रियता का ये आकंड़ा सितंबर में जो PSEहुआ था, उससे 2 फीसदी कम था. 

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लोकप्रियता के मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया दूसरे नंबर पर था. हालांकि उनकी लोकप्रियता भी इस अवधि में 32% से घटकर 28% रह गई. कमलनाथ की पिछले PSE में लोकप्रियता 10% थी. कमलनाथ की लोकप्रियता सितंबर में हुए PSE से 2% बढ़ गई है.   

PSE सर्वे मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों पर 11,712 प्रतिभागियों से फोन पर हुए साक्षात्कार पर आधारित है.

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