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कमलनाथ ने 'चाचा नेहरू' का जन्मदिन मनाने के लिए आंगनबाड़ी को दिए सिर्फ 100 रुपये

स्कूली शिक्षा विभाग के आदेश में दिशा निर्देश दिए गए कि कैसे बाल दिवस मनाया जाना है? लेकिन इस पर होने वाले खर्च के लिए हर आंगनवाड़ी को 100 रुपये का ही फंड दिया.

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ कांग्रेसी नेता (फाइल फोटो) मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के साथ कांग्रेसी नेता (फाइल फोटो)
हेमेंद्र शर्मा
  • भोपाल,
  • 15 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 1:21 PM IST

  • बीजेपी बोली, काग्रेंस ने कुपोषित बच्चों के लिए निकाले सिर्फ 100 रुपये
  • कांग्रेस बचाव में बोली, पिछली सरकार पहले देती थी सिर्फ 50 रुपये

देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू के जन्मदिवस 14 नवंबर को देश भर के स्कूलों में  'बाल दिवस' के रूप में बनाया जाता है. नेहरू की नीतियों को लेकर अक्सर केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी के नेताओं की ओर से उन पर निशाना साधा जाता रहा है. लेकिन मध्य प्रदेश में उसी कांग्रेस की सरकार है जिससे नेहरू ताल्लुक रखते थे.

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इस साल कमलनाथ की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार ने राज्य में 'बाल दिवस' पर जो किया, वो बच्चों के साथ भद्दे मजाक से कम नहीं. इस साल राज्य सरकार के स्कूली शिक्षा विभाग ने हर आंगनबाड़ी को 'चाचा नेहरू' का जन्मदिन मनाने के लिए महज 100 रुपये दिए जाने को मंज़ूरी दी.

बीजेपी नेता ने आलोचना

स्कूली शिक्षा विभाग के आदेश में दिशा निर्देश दिए गए कि कैसे बाल दिवस मनाया जाना है? लेकिन इस पर होने वाले खर्च के लिए हर आंगनवाड़ी को 100 रुपये का ही फंड दिया.

बीजेपी नेता राहुल कोठारी ने राज्य सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया में कहा, 'हर आंगनवाड़ी में औसत तौर पर एक दर्जन से ज्यादा कुपोषित बच्चे होते हैं. राज्य सरकार सिर्फ उनके लिए 100 रुपये ही निकाल सकती है और भी उस शख्स के जन्मदिवस पर जिसे वो आधुनिक भारत का निर्माता बताते हैं और बच्चे जिनके दिल के करीब थे.'  

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कांग्रेस बचाव में बोली

कांग्रेस ने सरकार के कदम का बचाव करते हुए कहा कि राज्य की पिछली सरकार ऐसे आयोजनों के लिए सिर्फ 50 रुपये ही मंज़ूर करती थी. भोपाल में एक आंगनबाड़ी समन्वयक ने इंडिया टुडे से कहा, 'तो कैसे आंगनबाड़ी के बच्चे 100 रुपये के बजट से चाचा नेहरू का जन्मदिन मना सकते थे? हमसे इस मौके पर जो हो सकता था, वो हमने किया लेकिन उस 100 रुपये से नहीं जो हमें दिए गए. सरकार को थोड़ा संवेदनशील होना चाहिए था और कम से कम 500 रुपये हर आंगनवाड़ी को देने चाहिए थे.'

हालांकि राज्य सरकार ने नेहरू की जयंती  मनाने के लिए कई कार्यक्रमों का आयोजन किया. 'नेहरू और शिक्षा' शीर्षक से बरकतउल्लाह यूनिवर्सिटी में सेमिनार का आयोजन किया गया. मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्राइवेट स्कूलों की तर्ज़ पर सरकारी स्कूलों में प्रतिभाओं को सामने लाने के लिए 'बाल युवा क्लबों' के गठन का भी ऐलान किया.  

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