
सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश में ओबीसी आरक्षण (OBC reservation) के बिना पंचायत और नगरीय निकाय चुनाव का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद से सूबे में सियासत तेज हो गई है. प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर तंज भरे अंदाज में कहा है कि अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत…?
दरअसल, मध्य प्रदेश में लोकल चुनाव में ओबीसी आरक्षण का मामला लगातार विवाद का हिस्सा बना रहा है जिसके चलते यहां एक साल से ज्यादा वक्त से भी लोकल चुनाव लटके हुए हैं. मंगलवार को इस मामले पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संविधान में हर 5 साल के अंदर चुनाव कराने की व्यवस्था है, लिहाजा चुनावों में देरी नहीं की जा सकती.
इसके साथ ही कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को लेकर भी टिप्पणी की. कोर्ट ने कहा कि जो भी पॉलिटिकल पार्टी ओबीसी की पक्षधर हैं, वो सभी सीटों पर ओबीसी उम्मीदवार उतारने के लिए स्वतंत्र हैं. कोर्ट ने कहा कि सरकार की ओर से पेश रिपोर्ट अधूरी होने के कारण प्रदेश में ओबीसी वर्ग को चुनाव में आरक्षण नहीं मिलेगा. इसलिए अब स्थानीय चुनाव 36 फीसदी आरक्षण के साथ ही होंगे. इसमें 20 फीसदी आरक्षण एसटी और 16 फीसदी एससी को आरक्षण मिलेगा.
इधर, OBC आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा रद्द कर दी है. शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय द्वारा मंगलवार को मध्य प्रदेश के स्थानीय निकायों में बिना पिछड़ा वर्ग आरक्षण के चुनाव कराने का निर्णय सुनाया गया है. मेरी सरकार अन्य पिछड़ा वर्ग के सामाजिक आर्थिक और राजनैतिक सशक्तिकरण के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है.
आगे उन्होंने कहा कि माननीय न्यायालय का निर्णय स्थानीय निकायों में प्रतिनिधित्व को प्रभावित करने वाला निर्णय है, इसलिए राज्य सरकार ने माननीय उच्चतम न्यायालय में पुनः संशोधन याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. पिछड़ा वर्ग के हितों का संरक्षण करना मेरी प्राथमिकता है इसीलिए मैं अपनी प्रस्तावित विदेश यात्रा निरस्त कर रहा हूं.
अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत…?
कोर्ट के इस फैसले के बाद मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने सीएम शिवराज पर निशाना साधा है. उन्होंने ट्वीट करके कहा है कि अब पछताए होत क्या, जब चिड़िया चुग गई खेत…? उन्होंने कहा कि जब आपके पास सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा करने के लिये पर्याप्त समय था, तब तो आपकी सरकार ने कुछ नहीं किया, आधी-अधूरी रिपोर्ट और आंकड़े पेश किए, जिसके कारण ओबीसी वर्ग का हक मारा गया और प्रदेश में बगैर ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव का निर्णय सामने आया.
कमलनाथ ने कहा कि अब आप भले अपनी विदेश यात्रा निरस्त करें या कुछ भी कहें लेकिन आपकी सरकार के नाकारापन का खामियाजा तो ओबीसी वर्ग के नुकसान के रूप में सामने आ ही चुका है. आपने जो जख्म दिए हैं, अब वो किसी भी दवा से ठीक होने वाले नहीं है. प्रदेश का ओबीसी वर्ग इस सच्चाई को जान चुका है. अब वो आपके किसी भी गुमराह करने वाले झांसे में आने वाला नहीं है.