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कांग्रेस महासचिव और मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की 'नर्मदा परिक्रमा' यात्रा से पहले सूबे की राजनीति गरमाने लगी है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कमलनाथ ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को सीएम उम्मीदवार बनाए जाने का समर्थन किया है. साथ ही उन्होंने सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद सौंपने की भी वकालत की.
मध्यप्रदेश की छिंदवाड़ा सीट से लोकसभा सांसद कमलनाथ ने कहा कि अगर पार्टी ऐसा करती है तो उन्हें कोई समस्या नहीं है. कमलनाथ का ये बयान काफी अहम माना जा रहा है.
दरअसल, बुधवार को कमलनाथ गुना पहुंचे थे. इस दौरान उनके साथ ज्योतिरादित्य सिंधिया भी मौजूद थे. जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया तो कमलनाथ ने कहा, 'ज्योतिरादित्य को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाना चाहिए'. हालांकि, उन्होंने खुद के नाम पर कहा कि उनका ऐसा कोई लक्ष्य नहीं है.
बयान ने बदला रुख
एक तरफ जहां सूबे में कांग्रेस का चेहरा जाहिर न करने को लेकर काफी दिनों से चर्चा चल रही है. वहीं कमलनाथ ने सिंधिया पर सहमति जताकर बहस का रुख ही बदल दिया है.
दिग्विजय को झटका?
हालांकि, सीएम उम्मीदवार को लेकर फैसला कांग्रेस हाई कमान को ही करना है. मगर, कमलनाथ के इस बयान को दिग्विजय सिंह के लिए झटका माना जा रहा है. दरअसल, 30 सितंबर से दिग्विजय सिंह नर्मदा परिक्रमा यात्रा शुरु कर रहे हैं. अपनी 3300 किलोमीटर की इस यात्रा में दिग्विजय करीब 100 विधानसभाओं में जनता से मुलाकात करेंगे. माना ये भी जा रहा है कि दिग्विजय अपनी इस यात्रा के जरिए राज्य की राजनीति में खुद को प्रासंगिक बनाने की कोशिश कर रहे हैं.
हालांकि, दिग्विजय सिंह ने मीडिया में कमलनाथ के इस बयान पर कहा, 'इस बात पर फैसला लेने का अधिकार सोनिया गांधी और राहुल गांधी को है. अगर, वो ऐसा निर्णय लेते हैं तो सभी उसका स्वागत करेंगे'.
बता दें कि गोवा विधानसभा चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनने के बाद भी कांग्रेस वहां सरकार नहीं बना पाई. दिग्विजय वहां के इंचार्ज थे, जिसके बाद उनकी भूमिका पर काफी सवाल उठे थे. अप्रैल में उन्हें गोवा और कर्नाटक के इंचार्ज की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया.
2018 में चुनाव
मध्यप्रदेश में दिसंबर 2018 में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनावी रस्साकशी भी शुरु हो गई है.