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कपिल सिब्‍बल का हमला- व्यापमं घोटाले की 'जड़' हैं शिवराज सिंह चौहान

कांग्रेस के बड़े नेता कपिल सिब्बल ने व्‍यापमं घोटाले को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर बड़ा हमला बोला है.

फाइल फोटो फाइल फोटो
दीपक कुमार/रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 22 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST

शनिवार को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने व्यापमं केस में भोपाल की जिला अदालत में अपने बयान दर्ज करवाए. इस दौरान उनके साथ कांग्रेस के बड़े नेता और मशहूर वकील कपिल सिब्बल के अलावा विवेक तन्खा भी थे.

अदालत के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए कपिल सिब्बल ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को व्यापमं घोटाले की "जड़" कहा. सिब्बल ने आरोप लगाए कि व्यापमं मामले की जांच करने वाली एजेंसियों, जिसमें एसआईटी, एसटीएफ और सीबीआई शामिल थीं, उन्होंने अपनी जांच ठीक ढंग से नहीं की.

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जांच एजेंसियां शिवराज को बचाने में लगी रहीं

सिब्बल ने गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जांच एजेंसियां व्यापमं की जांच करने की बजाए सीएम शिवराज को बचाने में लगी रहीं." उन्‍होंने कहा, "जो डेटा इंदौर क्राइम ब्रांच ने जब्त की थी उसमें सीएम शिवराज का 48 जगहों पर नाम था लेकिन बाद में डेटा बदला गया और जहां-जहां शिवराज सिंह चौहान का नाम था वहां से उसे हटा दिया गया." सिब्बल ने कहा कि सीबीआई ने जो एफिडेविट सुप्रीम कोर्ट में दिया वो गलत था और इसलिए दिग्विजय सिंह को फिर से इस मामले में विशेष अदालत में आना पड़ा.

बीजेपी ने दिग्विजय को बताया "आदतन अपराधी"

कांग्रेस के आरोपों पर बीजेपी ने पलटवार किया है. सरकार के प्रवक्ता और जनसंपर्क मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि दिग्विजय सिंह राजनीति के अखाड़े के आदतन अपराधी हैं. उन पर अदालत के फैसलों और फटकार का भी कोई असर नहीं होता. राजनीति में बहिष्कार के शिकार दिग्विजय सिंह अपना अस्तित्व बचाए रखने के लिए नए हथकंडे आजमा रहे हैं और नए झूठ का सहारा ले रहे हैं." नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर ही व्यापमं मामले की सीबीआई से जांच कराई गई थी. इस जांच में रिपोर्ट दी गई थी कि सबूतों से छेड़छाड़ का आरोप झूठ है.

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शिवराज सिंह चौहान का बचाव

नरोत्तम ने शिवराज सिंह चौहान का बचाव करते हुए कहा कि जैसे ही व्यापमं का मामला प्रकाश में आया, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह जी ने इस पर कार्रवाई करते हुए जांच पुलिस को सौंपी. कांग्रेस ने पुलिस की जांच पर असंतोष जताया, तो इस मामले की जांच के लिए एसटीएफ का गठन किया गया.

कांग्रेस को इस पर भी भरोसा नहीं हुआ, तो हाईकोर्ट की निगरानी में एसआईटी ने इस मामले की जांच की. उस पर भी भरोसा नहीं हुआ, तो कांग्रेस के नेता सुप्रीम कोर्ट चले गए. यहां सुप्रीम कोर्ट ने हॉर्ड डिस्क में छेड़छाड़ से इनकार कर दिया तो ऐसे में शिवराज जब हर तरह की जांच में निर्दोष साबित हुए, फिर कांग्रेस बार-बार आरोप की राजनीति क्‍यों कर रही है."

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