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MP: दंगों का दंश, खरगोन में रिश्ता नहीं जोड़ना चाहते बाहर के लोग, कुछ शादियां टलीं, कुछ टूट गईं

रामनवमी के दिन खरगोन में हिंसा हुई थी. इसका दंश वहां रहने वाले पीड़ित परिवार झेल रहे हैं. पीड़ितों का कहना है कि दंगाइयों ने न सिर्फ घर जला दिए बल्कि अब यहां रिश्तेदार संबंध जोड़ने में आनाकानी कर रहे हैं.

अपनी शादी की चिट्ठी दिखाती हुई लक्ष्मी (फोटो-ANI) अपनी शादी की चिट्ठी दिखाती हुई लक्ष्मी (फोटो-ANI)
aajtak.in
  • खरगोन ,
  • 16 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 9:25 AM IST
  • दंगाइयों ने कई घरों को आग के हवाले कर दिया था
  • रामनवमी पर हुई हिंसा में कई लोग घायल हो गए थे

हिंसा के बाद हालात भले ही सामान्य हो जाएं, लेकिन उसके निशां रह जाते हैं. साथ ही रह जाती है एक दर्दनाक दास्तां. जी हां. कुछ ऐसा ही हाल है मध्यप्रदेश के खरगोन के हिंसा पीड़ित लोगों का. यहां रामनवमी के जुलूस के दौरान हिंसा हुई थी. अब शहर में हालात सामान्य हो गए हैं, लेकिन असामान्य हो गई है उन लोगों की जिंदगी जो दंगा प्रभावित क्षेत्रों में रहते हैं. क्योंकि इसकी वजह एक नहीं, अनेक हैं.

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अव्वल तो ये कि खरगोन कस्बे की संजय नगर बस्ती में दंगाइयों ने यहां लोगों के घर जलाकर राख कर दिए. लेकिन दंगे का दंश यहीं तक सीमित नहीं रहा. अब यहां रहने वाले लोगों की शादियां तक नहीं हो पा रही हैं. लोगों का कहना है कि वह दंगा प्रभावित क्षेत्रों में अपनी बेटियों को नहीं ब्याहेंगे.

2 महीने बाद होने वाली थी शादी


महेश पाटिल यहां के स्थानीय निवासी हैं. 2 महीने बाद ही बेटे नानूराम पाटिल की शादी होनी थी. सभी तैयारियां कर ली गई थीं. टेंट से लेकर बैंड तक का इंतजाम हो गया था. लेकिन इसी बीच हुए दंगे ने रंग में भंग डाल दिया. दंगों के बाद दुल्हन पक्ष ने अपनी बेटी की शादी दंगा प्रभावित क्षेत्र में करने के इनकार कर दिया. महेश पाटिल ने बताया कि उनके बेटे की शादी 6 महीने पहले तय हुई थी. 2 महीने बाद शादी होनी थी, लेकिन अब लड़की वाले कह रहे हैं कि यहां तो ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, लिहाजा वह अपनी बेटी की शादी नहीं करेंगे.

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महेश पाटिल ने बताया कि उनके बेटे की शादी टल गई (फोटो- ANI)

घर का सारा सामान लूट ले गए दंगाई

महेश पाटिल कहते हैं कि हिंसा के दौरान दंगाइयों ने मेरे घर को लूट लिया. मेरे बेटे की शादी रद्द हो गई. बेटे के ससुराल वालों ने देखा कि यहां तो रहना संभव ही नहीं है, क्योंकि यहां दंगे और पथराव होते हैं. उनका कहना है कि शादी तभी होगी, जब हम एक प्लॉट कहीं और खरीद लेंगे. 

हिंसा के बाद थम गई जिंदगी

ये कोई पहली घटना नहीं है. कुछ मामले ऐसे भी हैं, जहां बेटियों की शादी भी नहीं हो रही हैं. हिंसा प्रभावित क्षेत्र में रहने वाली लक्ष्मी बताती हैं कि रामनवमी के दिन हमारे गांव में हिंसा हुई. हमने दंगाइयों को रोकने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं रुके. हमारे घर को लूट लिया. घर में शादी के उपहार और दूसरे सामान रखे थे. सभी रिश्तेदार मेरी शादी के लिए यहां आए हुए थे लेकिन अब हिंसा के बाद सब रुक गया है. शादी टल गई है. लक्ष्मी ने बताया कि दंगाइयों ने कई घरों में लूटपाट की और कई घरों में आग भी लगा दी.

11 अप्रैल को लगनी थी बहन को हल्दी

एजेंसी के मुताबिक लक्ष्मी के भाई सतीश मुछाल बताते हैं कि दंगाइयों ने पथराव और आगजनी की. हमारे लोग घर में ही थे. 11 अप्रैल को हल्दी और 14 अप्रैल को लग्न थी. लेकिन हिंसा की वजह से मेरी बहन की शादी नहीं हो पाई. मैं दूल्हा पक्ष के साथ लगातार बात कर रहा हूं, हम उनसे शादी की तारीख बढ़ाने के लिए गुहार लगाएंगे. सतीश ने बताया कि यह पहली बार नहीं है. 2016 और 2021 में भी ऐसा ही हुआ था. लोग हमारे गांव आने से डरते हैं. कोई ग्रामीणों के साथ किसी भी तरह का रिश्ता नहीं रखना चाहता. लोगों को लगता है कि यहां लड़कियां भी सुरक्षित नहीं हैं और इसलिए वे शादियों के लिए भी मना कर देते हैं.

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क्या कहा सीएम शिवराज सिंह चौहान ने

वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने खरगोन हिंसा के पीड़ितों को उनके घरों के पुनर्निर्माण का आश्वासन दिया. सीएम शिवराज सिंह ने कहा कि गरीबों को परेशान करने वालों के खिलाफ बुलडोजर का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए. खरगोन में गरीबों के घर जलाए गए थे. उन्हें चिंता नहीं करनी चाहिए, क्योंकि 'मामा' उनके घर बनाएंगे. 

क्या हुआ था खरगोन में रामनवमी को


10 अप्रैल को रामनवमी जुलूस के दौरान दो समुदायों ने एक-दूसरे पर पथराव किया था, जिसमें पुलिसकर्मियों सहित कई लोग घायल हो गए थे. 

 

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