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मध्य प्रदेश में संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में मतदान के बाद आज मतगणना संपन्न हुई. अलीराजपुर विधानसभा सीट पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नागर सिंह चौहान और कांग्रेस के मुकेश पटेल बीच मुकाबला था जिसमें कांग्रेस को 21962 वोटों से जीत मिली. इस सीट पर बीजेपी का कब्जा था और यहां से नरसिंह चौहान विधायक थे.
इस सीट पर करीब 2 लाख मतदाता हैं और 90 फीसदी ग्रामीण आबादी रहती है. यहां बीजेपी और कांग्रेस के बीच सीधी टक्कर है, लेकिन बीएसपी भी इस सीट पर चुनाव लड़ती है. अलीराजपुर सीट रतलाम लोकसभा में आती है.
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साल 2013 के विधानसभा चुनाव में अलीराजपुर सीट पर 64 फीसदी मतदान हुआ और बीजेपी प्रत्याशी को 54 फीसदी वोट मिले थे. इस सीट पर नरसिंह चौहान के मुकाबले कांग्रेस के महेश पटेल उम्मीदवार थे, जिन्हें 40 फीसदी वोट हासिल हुए. इसके अलावा सपा, बसपा और जेडीयू ने भी इस सीट पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारे थे. अगर आगामी विधानसभा चुनाव में लोकसभा के उपचुनाव का असर पड़ा तो कांग्रेस को इस सीट पर फायदा हो सकता है.
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साल 2008 के चुनाव में इस सीट से बीजेपी के नरसिंह चौहान को ही जीत मिली थी. कांग्रेस के तब मुकेश कुमार रावत को अपना उम्मीदवार बनाया था. इसके अलावा बसपा और 2 निर्दलीय प्रत्याशी भी मैदान में थे. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है.
इस सीट पर 97 फीसदी आबादी हिन्दू है और करीब 2.5 फीसदी मुस्लिम आबादी है. इसके अलावा जिले की कुल आबादी का 92 फीसदी हिस्सा अनुसूचित जाति/जनजाति समुदाय से आता है. साल 2008 में अलीराजपुर को जिला बनाया गया था. रतलाम लोकसभा क्षेत्र के अंदर कुल 8 विधानसभा सीटें हैं जिनमें झबुआ, रतलाम शहर, रतलाम ग्रामीण, जोबट, पेटलावद, सैलाना और थांदला शामिल है.
2013 में राज्य में क्या थे चुनावी नतीजे
मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.
इस बार की वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी
निर्वाचन आयोग के मुताबिक इस बार मध्य प्रदेश में 75.05 फीसदी मतदान हुआ. जबकि 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था. इस बार महिलाओं का मतदान प्रतिशत पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 4 फीसदी बढ़कर 74.03 प्रतिशत रहा. 2013 में महिलाओं का मतदान प्रतिशत 70.11 प्रतिशत रहा था.
कितने लोगों ने किया मताधिकार का प्रयोग
निर्वाचन आयोग के मुताबिक 2013 में मध्य प्रदेश में कुल 4,66,36,788 मतदाता थे जिनमें महिला मतदाताओं की संख्या 2,20,64,402 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 2,45,71,298 और अन्य वोटर्स 1088 थे. 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
इसके पहले कैसा रहा है वोटिंग का प्रतिशत
मध्य प्रदेश में 1990 में स्व. सुंदरलाल पटवा के नेतृत्व में भाजपा मैदान में उतरी और 4.36 फीसदी वोट बढ़ गए. तत्कालीन कांग्रेस की सरकार को हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद 1993 में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस चुनाव में उतरी तो 6.03 प्रतिशत मतदान बढ़ा और बीजेपी की पटवा सरकार हार गई थी.
वहीं, 1998 में वोटिंग प्रतिशत 60.22 रहा था जो 1993 के बराबर ही था. उस वक्त दिग्विजय सिंह की सरकार बनी. लेकिन 2003 में उमा के नेतृत्व में भाजपा सामने आई और दिग्विजय सिंह की 10 साल की सरकार सत्ता से बाहर हो गई. उस वक्त भी 7.03 प्रतिशत वोट बढ़े थे.
पिछले तीन बार से शिवराज सूबे के मुख्यमंत्री
2003 में मुख्यमंत्री बनी उमा भारती के इस्तीफे के बाद सूबे के वरिष्ठ नेता बाबूलाल ने 23 अगस्त 2004 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. बाबूलाल गौर के 29 नवंबर 2005 को पद छोड़ने पर शिवराज ने प्रदेश की बागडोर संभाली और 2008 और 2013 का विधानसभा चुनाव भी जिताने में सफल रहे. पिछले 13 वर्षों से राज्य में सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड शिवराज के नाम दर्ज है.
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