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MP: बरघाट सीट पर बमुश्किल 269 वोटों से जीतने वाली BJP फिर होगी कामयाब?

मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहे हैं और इसकी वजह से राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज होती जा रही हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान प्रदेश भर में जनआशीर्वाद यात्रा कर रहे हैं तो वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस भी सत्ता विरोधी लहर पर सवार होने के लिए पूरा दमखम लगा रही है.

(फोटो-Reuters) (फोटो-Reuters)
वरुण शैलेश
  • नई दिल्ली,
  • 23 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 5:10 PM IST

बरघाट को मध्य प्रदेश का धान का कटोरा कहा जाता है. प्रदेश में यहां सबसे अच्छी गुणवत्ता वाले धान का उत्पादन होता है. परिसीमन के बाद आदिवासी बहुल क्षेत्र कुरई और खवासा को इस विधान सभा क्षेत्र में शामिल किया गया. अब पवारों के साथ आदिवासी मतदाता भी हर चुनाव में पार्टियों की हार और जीत तय करते हैं. अभी इस सीट पर भाजपा के कमल मर्सकोले अभी विधायक हैं.

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सिवनी जिले में आने वाली बरघाट विधानसभा सीट आदिवासी और पवार बाहुल्य क्षेत्र रहा है. यही वजह है कि यहां की सियासत भी इन्हीं दोनों समुदाय के लोगों को ध्यान में रखकर होती आई है. अनुसूचित जन जाति वर्ग के लिए आरक्षित इस सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच ही मुख्य मुकाबला रहा है. यहां वही पार्टी कामयाब होती है, जो आदिवासियों को साधने में सफल होती है.

भाजपा-कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला

बरघाट सीट 1951 से अस्तित्व में आई, जहां 1951-1985 तक कांग्रेस का कब्ज़ा रहा.  1985 में प्रभा भार्गव ने इस सीट पर आखिरी बार कांग्रेस को जीत दिलाई थी, लेकिन 1990 के विधानसभा चुनाव में डॉक्टर ढालसिंह बिसेन ने कांग्रेस के पंडित महेश प्रसाद मिश्रा को हराकर यह सीट भाजपा की झोली में डाल दी. इसके बाद 1990 से 2003 तक डॉक्टर ढालसिंह बिसेन यहां से चुनाव जीतते रहे. फिर 2008 और 2013 में कमल मर्सकोले इस विधानसभा सीट पर भाजपा से विधायक चुने गए. हालांकि 2013 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने के लिए भाजपा को खासी मसक्कत करनी पड़ी और बमुश्किल 269 वोटों से भाजपा प्रत्याशी कमल मर्सकोले कांग्रेस के अर्जुन काकोड़िया से चुनाव जीत पाए.

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विधानसभा का ढांचा

मध्य प्रदेश विधानसभा की 230 सीटों के लिए इसी साल नवंबर-दिसंबर में चुनाव होने हैं. 230 में से 35 अनुसूचित जाति जबकि 47 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं. 148 गैर-आरक्षित सीटें हैं. 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी 165 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी जबकि कांग्रेस को 58 सीटों से संतोष करना पड़ा था. वहीं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने 4 जबकि 3 सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की थी.

निर्वाचन आयोग के मुताबिक 2013 में मध्य प्रदेश में कुल 4,66,36,788 मतदाता थे जिनमंम महिला मतदाताओं की संख्या 22064402 और पुरुष मतदाताओं की संख्या 24571298 और अन्य वोटर्स 1088 थे. 2013 में 72.07 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

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