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MP: BSP ने जारी की 50 उम्मीदवारों की लिस्ट, चारों MLA को मिला टिकट

बसपा ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए 50 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. पार्टी ने चारों विधायकों को दोबारा से टिकट दिया है. इसके अलावा दो पूर्व विधायक पर भी भरोसा जताया है.

बीएसपी का प्रतीकात्मक फोटो (क्रेडिट-PTI) बीएसपी का प्रतीकात्मक फोटो (क्रेडिट-PTI)
रवीश पाल सिंह
  • भोपाल,
  • 26 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 2:30 PM IST

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है. बसपा ने 50 प्रत्याशियों के नामों की घोषणा की है. बसपा ने मध्य प्रदेश में किसी भी पार्टी से गठबंधन नहीं किया है और सभी सीटों पर चुनावी मैदान में उतरने का फैसला किया है.

बसपा के प्रदेश प्रभारी राम अचल राजभर ने पार्टी की पहली सूची जारी की. इसमें प्रदेश के सभी चारों विधायकों को दोबारा से टिकट दिया गया है. इसके अलावा दो पूर्व विधायकों को फिर से पार्टी ने भरोसा करते हुए टिकट दिया है.

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बसपा ने सत्यप्रकाश को अम्बाह विधानसभा से, उषा चौधरी को सतना की रैगांव सीट से, शीला त्यागी को रीवा के मनगंवा से और बलवीर सिंह दंडोतिया को मुरैना सीट से टिकट दिया गया है. जबकि दंडोतिया पहले मुरैना के दिमनी विधानसभा चुनाव जीतकर विधायक बने थे.

इन चारों विधायकों को अलावा रामलखन सिंह पटेल को सतना की रामपुर बघेलान और रामगरीब कोल को रीवा की सिरमौर से प्रत्याशी घोषित किया है. दोनों नेता पूर्व विधायक हैं. बसपा ने जो सूची जारी की है उसमें मुरैना, रीवा, दमोह, सतना सहित अपने प्रभाव वाले अन्य इलाके की सीटें शामिल हैं.

बता दें कि चुनाव घोषणा से पहले बसपा ने 22 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी थी. जिनमें पार्टी ने अपने विधायक बलवीर सिंह दंडोतिया के नाम की घोषणा नहीं की थी. हालांकि पहली लिस्ट वाले उम्मीदवारों के नाम भी दूसरी लिस्ट में शामिल हैं.

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2013 में मध्यप्रदेश में बीएसपी ने 230 सीटों में से 227 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. बसपा यहां 6.42 फीसदी वोट के साथ चार सीटें जीतने में सफल रही थी. राज्य 75 से 80 सीटों पर बसपा प्रत्याशियों ने 10 हजार से ज्यादा वोट हासिल किए थे. जबकि बीजेपी और कांग्रेस के बीच 8.4 फीसदी वोट शेयर का अंतर था. बीजेपी को 165 सीटें और कांग्रेस को 58 सीटें मिली थीं.

मध्य प्रदेश में बसपा का आधार यूपी से सटे इलाकों में अच्छा खासा है. चंबल, बुंदेलखंड और बघेलखंड के क्षेत्र में बसपा की अच्छी खासी पकड़ है. कांग्रेस के साथ बसपा का न उतरना शिवराज के लिए अच्छे संकेत माने जा रहे हैं.

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