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MP: क्या पांढुर्णा में वापसी कर पाएगी बीजेपी ?

मध्य प्रदेश की पांढुर्णा सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस के जतन ऊईके यहां के विधायक हैं. बीजेपी एक बार फिर इस सीट पर वापसी की कोशिश कर रही है.

पांढुर्णा में वापसी की कोशिश में बीजेपी पांढुर्णा में वापसी की कोशिश में बीजेपी
देवांग दुबे गौतम
  • नई दिल्ली,
  • 12 सितंबर 2018,
  • अपडेटेड 6:00 PM IST

पांढुर्णा विधानसभा सीट छिंदवाड़ा जिले में आती है. यह क्षेत्र महाराष्ट्र के नागपुर और अमरावती जिले की सीमा से सटा है. यह सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां पर कुल 1 लाख 93 हजार 818 मतदाता हैं. इस इलाके में कपास और अरहर की बंपर पैदावार होती है.

फिलहाल इस सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. कांग्रेस के जतन ऊईके यहां के विधायक हैं. 2003 तक यह सीट सामान्य सीट हुआ करती थी. 2003 में बीजेपी के मारतराव चुनाव जीते थे. 2008 में परिसीमन के बाद आदिवासी वर्ग के लिए यह सीट आरक्षित हो गई.

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2008 में बीजेपी के रामाराव कवरेती ने चुनाव में जीत हासिल की. उन्होंने कांग्रेस के बाबूलाल को 7 हजार से ज्यादा वोटों से हराया. रामाराव कवरेती को 38572 वोट मिले थे तो वहीं कांग्रेस के बाबूलाल को 31040 वोट मिले थे.

2013 में कांग्रेस का इस सीट पर कब्जा हो गया. कांग्रेस के जतन ऊईके ने बीजेपी प्रत्याशी टीकाराम कोराची को 1478 वोटों से हराया.बीजेपी के टीकाराम कोराची इस बार होने वाले चुनाव के लिए टिकट के उम्मीदवार हैं. वहीं कांग्रेस की ओर से वर्तमान विधायक जतन ऊईके को टिकट मिल सकता है.

 यहां पर पानी और बिजली की समस्या अहम है. इस बार का चुनाव भी इसी मुद्दे पर लड़ा जाने वाला है. यहां के लोग बुनियादी जरूरतों के लिए यहां के लोग तरस रहे हैं.

2013 के चुनावी नतीजे

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मध्य प्रदेश में कुल 231 विधानसभा सीटें हैं. 230 सीटों पर चुनाव होते हैं जबकि एक सदस्य को मनोनीत किया जाता है. 2013 के चुनाव में बीजेपी को 165, कांग्रेस को 58, बसपा को 4 और अन्य को तीन सीटें मिली थीं.

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