
सोमवार से मध्य प्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र शुरू हो रहा है. लोकसभा चुनाव के बाद मध्य प्रदेश विधानसभा का यह पहला सत्र है, जिसके हंगामेदार होने के आसार हैं. प्रमुख विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने तय किया है कि विधानसभा के मानसून सत्र में वह कमलनाथ सरकार को वह बिजली कटौती, कानून व्यवस्था और प्रदेश का विकास ठप होने समेत अन्य मुद्दों पर घेरेगी.
मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा, 'कमलनाथ सरकार को 7 महीने से ज्यादा का समय हो चुका है लेकिन किसान और आम जनता से कांग्रेस ने जो वादे किए थे. उसे पूरे करने में कांग्रेस पार्टी विफल साबित हुई है और सरकार की इन्हीं विफलताओं को पार्टी सदन में उठाएगी'.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि सोमवार से शुरू होने वाले सत्र में विधायक अलग-अलग मुद्दों पर सवाल उठाएंगे. इन मुद्दों में किसानों की पीड़ा, बिजली के बढ़ते बिल, बीजेपी समर्थित जनप्रतिनिधियों को पंगु बनाने की चेष्ठा, मंत्रियों और अधिकारियों के बीच गतिरोध के कारण प्रदेश का विकास ठप होने जैसे मसले शामिल हैं. साथ ही बिगड़ती कानून व्यवस्था और अघोषित विद्युत कटौती का मुद्दा भी शामिल है.
मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक जैसे हालात: नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि कर्नाटक में जो हालात बने है उसके लिए कांग्रेस खुद जिम्मेदार है. कांग्रेस उसके लिए बीजेपी को दोष दे रही है, जो ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि कमलनाथ सरकार से उनके ही विधायक और मंत्री संतुष्ट नहीं है,.जिस सरकार से मंत्री और विधायक ही असंतुष्ट हैं, उससे जनता कैसे संतुष्ट होगी. इस बात का कोई भरोसा नहीं की कब कर्नाटक जैसी खबरें प्रदेश के समाचार पत्रों में पढ़ने को मिल सकती है.