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कांग्रेस की फर्जी लिस्ट के बाद BJP की लिस्ट वायरल, शिवराज सरकार की उड़ी नींद

चुनाव नजदीक है, तो ऐसी कई सूची सोशल मीडिया पर देखने को मिलेगी लेकिन आरएसएस के बहाने बीजेपी और शिवराज सिंह चौहान पर निशाना साधने की रणनीति मध्य प्रदेश की राजनीति को कहां तक ले जाएगी, यह देखने वाली बात होगी.

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फाइल फोटो (आजतक आर्काइव) मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की फाइल फोटो (आजतक आर्काइव)
रवीश पाल सिंह/रविकांत सिंह
  • भोपाल,
  • 23 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 10:19 AM IST

विधानसभा चुनाव के पहले सोशल मीडिया पर वायरल आरएसएस की एक रिपोर्ट ने मध्य प्रदेश की राजनीति में तूफान ला दिया है. इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और सरकार के मंत्रियों के कामकाज पर सवाल खड़े किए हैं.

आरएसएस के नाम के साथ मध्य प्रदेश में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही इस रिपोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत प्रदेश के मंत्रियों की नींद उड़ा दी है. विधानसभा चुनाव से पहले तैयार की गई इस कथित रिपोर्ट में ज्यादातर मंत्रियों के काम-काज पर असंतोष जताया गया है. दो पन्नों की ये सूची वायरल होते ही बीजेपी नेताओं के होश फाख्ता हो गए. बीजेपी ने इसके पीछे कांग्रेस का हाथ बताया है.

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आरएसएस के नाम से वायरल हो रही इस रिपोर्ट में सबसे पहले सीएम शिवराज सिंह चौहान पर उंगली उठाई गई है और उन्हें बुधनी की जगह विदिशा से चुनाव लड़ने का सुझाव दिया गया है. वहीं रिपोर्ट में शिवराज सरकार के कई मंत्रियों का टिकट काट किसी और को मौका देने की बात कही गई है. बीजेपी ने इसके लिए भले ही कांग्रेस पर आरोप लगाए हैं लेकिन कांग्रेस का कहना है इस रिपोर्ट से उसका कोई लेना देना नहीं है.

कांग्रेस प्रवक्ता शोभा ओझा ने कहा कि 'इससे पहले भी आरएसएस ने खुद कहा है कि 80 नाम काटो और शिवराज सिंह को बुधनी से हटाओ. ये तो आरएसएस खुद बोल रही है, कांग्रेस का इसमें कोई हाथ नहीं क्योंकि झूठ फैलाने में आरएसएस और बीजेपी को महारत हासिल है. हमें इससे कोई लेना देना नहीं.'

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चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर फर्जी लिस्ट का ये कोई पहला मामला नहीं है. इसकी शुरुआत तब हुई जब कांग्रेस के उम्मीदवारों की एक कथित सूची सोशल मीडिया पर वायरल हुई, जो बाद में फर्जी निकली. इसके कुछ ही दिन बाद बीजेपी उम्मीदवारों की सूची भी सोशल मीडिया पर वायरल हुई. ये सूची भी फर्जी निकली और अब आरएसएस की फर्जी रिपोर्ट वायरल होने के बाद इतना तय है कि इस बार विधानसभा चुनाव से पहले सोशल मीडिया पर झूठ का बोलबाला दिखेगा.

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