
मध्यप्रदेश के उज्जैन में बुधवार को एक बहुमंजिला होटल बम से विस्फोट कर उड़ा दिया गया. होटल की बहुमंजिला इमारत चंद मिनटों में ताश के पत्ते की तरह भरभराकर गिर पड़ी. बम धमाके को लेकर ज्यादा दिमाग ना लगाइए, विस्फोट प्रशासन ने ही कराया.
दरअसल मामला यह है कि महाकाल की नगरी उज्जैन में अवैध जमीन पर बने एक होटल को जमींदोज करने का आदेश हाई कोर्ट की डबल बेंच ने दिया था. उज्जैन के सबसे बड़े और आलीशान होटलों में से एक शांति पैलेस का निर्माण अवैध जमीन पर किए जाने की शिकायत पर सुनवाई के बाद अदालत ने यह आदेश दिया था. अदालती आदेश के अनुपालन में ही पुलिस-प्रशासन ने यह कार्रवाई की.
पिलरों में लगाए विस्फोटक, फिर किया विस्फोट
इंदौर के ब्लास्ट एक्सपर्ट शरद सरवटे ने होटल शांति पैलेस और क्लार्क्स-इन के पिलरों में पहले विस्फोटक लगाए, फिर विस्फोट किया गया. विस्फोट के बाद चमचमाता भवन चंद मिनटों में धराशायी हो गया. जानकारी के अनुसार इस होटल को कॉलोनी के लिए काटे गए प्लाट पर अवैध रूप से बनाया गया था.
करोड़ों की लागत से बना था सौ कमरों का होटल
इस होटल में सौ कमरे थे. इसके निर्माण पर अनुमानित लागत करोड़ों रुपये बताई जाती है. आरोपों के अनुसार तत्कालीन नगर निगम के अधिकारियों की मिलीभगत से उक्त होटल का निर्माण कराया गया था. निर्माण की वजह से होटल के निर्माण के समय किसी तरह का विवाद नहीं हुआ था.
मामला कोर्ट जाने के बाद हुआ एक मंजिल का निर्माण
होटल के अवैध जमीन पर निर्माण का मामला कोर्ट जाने के बाद मालिक ने एक मंजिल का और निर्माण कराया था. लंबी कानूनी प्रक्रिया के बीच हाई कोर्ट के स्टे के बावजूद होटल मालिक ने पुरानी इमारत के बाद एक और बहुमंजिला इमारत तान दी थी.
10 साल बाद आया फैसला
करीब 10 साल की कानूनी प्रक्रिया के बाद हाई कोर्ट की डबल बेंच ने इन दोनों इमारतों को तोड़ने का आदेश जारी किया. इसके बावजूद उज्जैन नगर निगम ने कार्रवाई में देरी की. माना जा रहा है कि यह लेटलतीफी होटल मालिक को फायदा पहुंचाने के लिए की गई थी. जिससे वह हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सके. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने भी हाई कोर्ट के आदेश को भी यथावत रखा और होटल ना तोड़े जाने की याचिका को रद्द कर दिया.